जयपुर की नन्ही सौम्या भारतीय टीम में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व
7 साल की उम्र में थामा रैकेट
11 वर्षीय सौम्या को इस्लामाबाद में 26 से 30 मई तक होने वाली साउथ एशियन टेनिस चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है।
जयपुर। राजस्थान की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी सौम्या चौधरी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। 11 वर्षीय सौम्या को इस्लामाबाद में 26 से 30 मई तक होने वाली साउथ एशियन टेनिस चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (एआईटीए) द्वारा प्रतियोगिता के लिए घोषित 6 सदस्यीय टीम में 3 गर्ल्स और तीन बॉयज में शामिल हैं। वर्तमान में सौम्या एआईटीए रैंकिंग में नम्बर दो पर हैं।
बड़ा सपना, बड़ी प्रेरणा :
छोटी उम्र में बड़ा सपना देखने वाली सौम्या बेलारूस की विश्व नम्बर-1 खिलाड़ी आर्यना सबालेंका से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, मुझे यूरोपियन प्लेयर्स का स्टाइल बहुत पसंद है, और मैं सबालेंका जैसी बनना चाहती हूं।
पहला इंटरनेशनल टूनार्मेंट :
बुधवार को यहां मीडिया से बात करते हुए सौम्या ने भारतीय टीम में चयन को गर्व का क्षण बताया और कहा कि वह इस चैंपियनशिप में देश के लिए पदक जीतने की पूरी कोशिश करेगी। सौम्या के लिए यह पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर सौम्या कई खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। फरवरी में जयपुर में आयोजित आईटीएप टेनिस टूनार्मेंट में उन्होंने अंडर-12 कैटेगरी में एकल और युगल दोनों खिताब जीते थे।
सौम्या के टेनिस के प्रति जुनून को देखकर उनके दादा, व्यवसायी व समाजसेवी श्रीचन्द चौधरी ने खासतौर पर ड्रीम हाउस टेनिस एकेडमी की स्थापना की। इसमें छह क्ले कोर्ट बनाए गए हैं और यहां एआईटीए के सबसे अधिक टूनार्मेंट्स आयोजित हो रहे हैं। श्रीचन्द कहते हैं, मुझे सौम्या में कुछ खास दिखा और यकीन था कि वह टेनिस में बहुत आगे जाएगी। उन्होंने कहा एकेडमी का लाभ अन्य बच्चों को भी मिल रहा है।
7 साल की उम्र में थामा रैकेट : सौम्या ने मात्र 7 वर्ष की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया था। कोच सुमित गुप्ता ने उनके टैलेंट को तराशा और निखारा। अपनी सफलता का श्रेय सौम्या अपने दादा श्रीचन्द चौधरी को देती हैं। साथ ही माता-पिता राहुल और सुनीता चौधरी तथा नीरजा मोदी स्कूल के सहयोग को भी महत्वपूर्ण मानती हैं।
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