राज्य के खिलाड़ियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे : मुकुल गुप्ता
रजिस्ट्रार ने जांच शुरू की
गत दो वर्षों से राष्ट्रीय टेबल टेनिस प्रतियोगिताओं में राजस्थान की दो टीमें हिस्सा ले रही है।
जयपुर। गत दो वर्षों से राष्ट्रीय टेबल टेनिस प्रतियोगिताओं में राजस्थान की दो टीमें हिस्सा ले रही है। दशकों से राजस्थान टेबल टेनिस संघ काफी अच्छा कार्य कर रहा है। इसी के चलते गुलाबी नगर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों की मेजबानी के अवसर मिल सकें, लेकिन विगत दो वर्षों से यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राजस्थान की जगह टीटीएफआई-1 और टीटीएफआई-2 के बैनर तले शिरकत कर रहे है।
संध की वैधानिकता पर लगाए प्रश्नचिन्ह :
राजस्थान टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष मुकुल गुप्ता ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि टीटीएफआई की मदद से राजस्थान टेबल टेनिस संघ के खिलाफ एक सुनियोजित षडयंत्र रचा गया है, जिससे न केवल संघ की वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं, बल्कि खिलाड़ियों के भविष्य पर भी सीधा खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि इस षडयंत्र से राज्य के उदयीमान टेबल टेनिस खिलाड़ी प्रभावित हो रहे है। राजस्थान नाम के प्रमाण पत्र नहीं मिलने से उनका राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व करना उपयोगी और लाभदायक सिद्ध नहीं हो रहा है।
चुनाव में खेल अधिनियम 2005 की पूर्ण पालना की :
गुप्ता ने बताया कि 11 फरवरी को राजस्थान टेबल टेनिस संघ के चुनाव राजस्थान ओलंपिक संघ, राज्य खेल परिषद और अधिकृत निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में विधिवत सम्पन्न करवाए गए। चुनाव प्रक्रिया में राजस्थान खेल अधिनियम-2005 की पूर्णता पालना की गई। इसके बावजूद टीटीएफआई सचिव कमलेश मेहता ने राजस्थान में एक गैर संवैधानिक गुटका टीटीएफआई-2 के नाम से गठन कर दिया। जिसकी अगुवाई रंजीत मलिक कर रहे है। जो प्रदेश के किसी भी मान्यता प्राप्त जिले में पदाधिकारी तक नहीं है। इसी आधार पर गुप्ता ने टीटीएफआई पर अवैध गुट बना राजस्थान संघ की वैधानिक स्थिति को जानबूझकर अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए बताया कि हम प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इसी के चलते उन्होंने 18 जुलाई को जोधपुर में एक एफआईआर भी दर्ज करवाई है। इस मामले संघ के पदाधिकारी राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के पवन से भी मिले। उनको सभी दस्तावेज पेश कर वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि पूर्व में टीटीएफआई की तीन सदस्यीय समिति ने भी जांच कर 11 फरवरी 2023 को हुए चुनावों को पूर्णत: वैध माना है। साथ ही टीटीएफआई-2 की कानूनी आपत्तियां रजिस्ट्रार समितियां एवं खेल विभाग द्वारा खारिज की जा चुकी है।
रजिस्ट्रार ने जांच शुरू की :
दूसरी ओर राज्य खेल परिषद की सिफारिश पर रजिस्ट्रार कॉपरेटिव ने जांच शुरू कर दी है। मुकुल गुप्ता ने कहा कि हम चाहते है कि राजस्थान खेल परिषद उन्हें एफिलेशन लेटर जारी कर 2023 में निर्वार्चित पदाधिकारियों को विधिक मान्यता प्रदान करे। इससे टीटीएफआई के तथाकथित लोगों द्वारा रचा गया षडयंत्र का खात्मा हो सके और प्रदेश के खिलाडियों को राजस्थान नाम अंकितप्रमाण-पत्र मिल सके। इस अवसर पर जयपुर जिला टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष ललित सिंह और दीपांकर दास भी उपस्थित थे।

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