प्रो कबड्डी लीग, जयपुर पिंक पैंथर्स की नजरें तीसरे पीकेएल खिताब पर, युवा खिलाड़ियों को दिखानी होगी प्रतिभा
नितिन को खरीदा 50 लाख में
दो बार की प्रो कबड्डी लीग चैंपियन जयपुर पिंक पैंथर्स एक बार फिर खिताब पर कब्जा जमाने के इरादे से सीजन-12 में उतरने को तैयार है।
जयपुर। दो बार की प्रो कबड्डी लीग चैंपियन जयपुर पिंक पैंथर्स एक बार फिर खिताब पर कब्जा जमाने के इरादे से सीजन-12 में उतरने को तैयार है। पिछले सीजन में प्लेऑफ से बाहर होने के बाद टीम ने बड़ा बदलाव करते हुए अपने पूर्व मुख्य कोच संजीव बालयान से अलग होने का फैसला किया। बालयान के कार्यकाल में पैंथर्स ने सीजन-9 का खिताब जीता था। उनकी जगह टीम ने युवा कोच नरेंद्र रेडू को जिम्मेदारी सौंपी है, जिन्होंने पटना पाइरेट्स को सीजन-11 में फाइनल तक पहुँचाया था।
डिफेंस है टीम की ताकत :
पिंक पैंथर्स की सबसे बड़ी ताकत उनका डिफेंस है। स्टार ईरानी डिफेंडर रेजा मिरबागेरी पिछले कुछ सीजनों में डिफेंस की रीढ़ साबित हुए हैं। सीजन 11 में उन्होंने 23 मैचों में 58 टैकल पॉइंट्स जुटाए। टीम ने रोनक सिंह (राइट कॉर्नर), नितिन कुमार (राइट कवर) और अभिषेक केएस (लेफ्ट कवर) को भी बरकरार रखा है।
नितिन को खरीदा 50 लाख में :
नीलामी में नितिन रावल (50 लाख) और आशिष कुमार (27 लाख) जैसे भरोसेमंद डिफेंडर शामिल किए गए हैं। कोच नरेंद्र रेडू की रणनीतिक समझ और पटना पाइरेट्स के साथ उनकी सफलता, पैंथर्स की कोचिंग में बड़ा अंतर ला सकती है।
युवा खिलाड़ियों को दिखानी होगी प्रतिभा :
रितिक शर्मा, विनय, मीतू, दीपांशु और साहिल देशवाल जैसे युवा खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिभा दिखानी होगी। अर्जुन देशवाल के जाने से टीम के नेतृत्व (लीडरशिप) में भी खालीपन पैदा हो सकता है। मजबूत डिफेंस और अनुभवी कोच का मिलेगा फायदा जयपुर पिंक पैंथर्स के पास मजबूत डिफेंस और अनुभवी कोच हैं, लेकिन अटैकिंग यूनिट में अर्जुन देशवाल की कमी सबसे बड़ी चुनौती होगी। अगर नितिन धनखड़ और अन्य युवा रेडर्स उम्मीदों पर खरे उतरते हैं, तो पैंथर्स अपने तीसरे पीकेएल खिताब की ओर कदम बढ़ा सकती है।
यह है टीम की कमजोरियां :
टीम की सबसे बड़ी कमजोरी स्टार रेडर और पूर्व कप्तान अर्जुन देशवाल का टीम से जाना हो सकता है। उन्होंने लगातार तीन सीजनों में टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया था। उनकी जगह टीम ने नितिन कुमार धनखड़ को खरीदा है। मनजीत दहिया, उदय पार्टे और अली समदी चूबतराश को भी शामिल किया है। हालांकि, मनजीत और नितिन को छोड़कर बाकी रेडर्स का अनुभव सीमित है, जो टीम की स्कोरिंग क्षमता पर असर डाल सकता है।

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