जयपुर में शुरू हुआ शूटिंग का नेशनल कोचेज कोर्स, सुल्तान सिंह ने कहा- देशभर में 5 हजार कोच तैयार करने का लक्ष्य
शूटिंग में पदक की ज्यादा संभावनाएं
राजस्थान राइफल एसोसिएशन की मेजबानी में एनआरएआई नेशनल कोचेज कोर्स पहली बार जयपुर में आयोजित किया जा रहा है।
जयपुर। राजस्थान राइफल एसोसिएशन की मेजबानी में एनआरएआई नेशनल कोचेज कोर्स पहली बार जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। शुरू हुए सात दिवसीय कोर्स में देशभर से 50 चयनित कोच हिस्सा ले रहे हैं। इनमें दस कोच राजस्थान से हैं। यह कोर्स राइफल और पिस्टल शूटिंग से संबंधित है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव के. सुल्तान सिंह ने बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य प्रशिक्षकों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करना है, जिससे देशभर में शूटिंग खेल को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 5 हजार प्रशिक्षकों को तैयार करना है। इसके लिए स्कूलों के पीटीआई को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने स्कूलों में शूटिंग के प्रति रुचि बढ़ा सकें। उन्होंने बताया कि सीबीएसई स्कूलों से भी इस संबंध में बातचीत की गई है, और भविष्य में प्रशिक्षकों को ऑनलाइन गाइडेंस भी दी जाएगी।
देश के नामी कोच देंगे ट्रेनिंग :
सुल्तान सिंह ने बताया कि यह कोर्स दो चरण में पूरा होगा। पहला सात दिवसीय प्रशिक्षण आज शुरू हो रहा है। डेढ़ महीने बाद दूसरा चरण शुरू होगा। उन्होंने बताया कि कोचिंग कोर्स के दौरान ऐसा नामी प्रशिक्षक प्रशिक्षण देंगे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता या ओलंपियन खिलाड़ी तैयार किए हैं। जयपुर में प्रशिक्षण देने वालों में श्यामा सरकार, मधु सालुंखे, नेहा पंडित, लक्ष्य बत्रा, नानकी जान्हवी चड्ढा, शारोन एलेक्स, सलील श्रीवास्तव, इंद्रजीत सिंह, मनोज कुमार ओहलान और रौनक अशोक पंडित शामिल हैं।
राजस्थान के नौ प्रशिक्षक :
राजस्थान राइफल एसोसिएशन के महासचिव शशांक कोरानी ने बताया कि पहली बार जयपुर में हो रहे इस कोचिंग कोर्स में राजस्थान से नौ कोच भाग ले रहे हैं। इनमें अजय कुमार प्रसाद, धर्मेन्द्र डूडी, फारुक अली, गजेन्द्र सिंह राणावत, योगेश कुमार, बलवीर सिंह शेरावत, जितेन्द्र सिंह शेखावत, मुमल सिंह और सचिन सिंह शेखावत शामिल हैं।
कोच खेल को महत्व दें :
राजस्थान राइफल एसोसिएशन के सचिव शशांक कोरानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कोर्स प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ इस खेल को जन-जन तक पहुंचाने में मदद करेगा। यदि कोच आर्थिक लाभ से अधिक खेल के विकास को प्राथमिकता दें, तो यह देश के लिए गौरव की बात होगी।
शूटिंग में पदक की ज्यादा संभावनाएं :
सुल्तान सिंह ने कहा शूटिंग एक ऐसा खेल है जिसमें भारत की ओलंपिक पदक की उम्मीदें सबसे अधिक रहती हैं। एक मेडलिस्ट को सैकड़ों लोग फॉलो करते हैं, जिससे खेल को लोकप्रियता मिलती है। भारत में सबसे अधिक रेफरी और कोचेज मौजूद हैं, और हम इस संख्या को और बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले ओलंपिक खेलों में हमारा 22 सदस्यीय शूटिंग दल था और यह सबसे युवा दल भी था।

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