एनआईए के खिलाफ शिकायत और आरोप निराधार : सरकार ने आरोपों को किया खारिज, नित्यानंद राय ने कहा- जिन्हें एनआईए के काम से तकलीफ, वह लोग लगा रहे है आरोप
वर्ष 2019 में एनआईए एक्ट में संशोधन किया गया
मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद का सफाया करने के लिए वचनबद्ध है।
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) के खिलाफ शिकायतों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एजेन्सी की विभिन्न मामलों की जांच में दोष सिद्धि की दर 95.5 प्रतिशत और आतंक वित्त पोषित मामलों में दोष सिद्धि की दर 100 प्रतिशत है। राय ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि एनआईए के खिलाफ शिकायत के मामले नहीं हैं और यदि किसी ने आरोप लगाये हैं तो ये मनघडंत तथा निराधार हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप ऐसे लोगों द्वारा लगाये जा रहे हैं जिन्हें एनआईए के कामकाज से बेवजह तकलीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि एनआईए द्वारा दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए देश भर में करीब 30 न्यायालय हैं और इनमें अब तक 157 मामलों में निर्णय लिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में दोष सिद्धि की दर 95.5 प्रतिशत और आतंक वित्त पोषित मामलों में दोष सिद्धि की दर 100 प्रतिशत है। राय ने कहा कि वर्ष 2019 में एनआईए एक्ट में संशोधन किया गया जिसके बाद से एजेन्सी को अब विदेशों में भी जांच का अधिकार मिल गया है। उन्होंने कहा कि अनेक बार आतंकवादी हमलों के तार विदेशों से जुड़े रहते थे इसलिए इन मामलों की समुचित जांच नहीं हो पाती थी लेकिन संशोधन के बाद एजेन्सी को अधिकार मिल गया है।
अब एजेन्सी लंदन और ओटावा उच्च आयोगों में हमले सहित छह मामलों की विदेशों में जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद का सफाया करने के लिए वचनबद्ध है।
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