हमले का काउंटडाउन शुरू : ट्रम्प की नीतियों के कारण चीन का हौसला बुलंद, रोकने के लिए 10 हजार मिसाइलें भी पड़ेंगी कम
हार का सामना करना पड़ा था
विनाशक हथियारों का निर्माण कर रहा है। वर इंटेलिजेंस का आकलन है कि चीन की सेना 2027 तक ताइवान पर हमले के लिए तैयार हो रही है।
बीजिंग। ताइवान पर चीन के हमले का काउंटडाउन शुरू हो गया है। शी जिनपिंग ने कैलेंडर में 2027 का टाइमलाइन सेट कर दिया है। खासकर डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग के लिए ताइवान का मिशन और आसान हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बात की उम्मीद अब काफी कम बची है कि अमेरिका, ताइवान को चीनी हमले से बचाने सामने आएगा। इस बीच चीन लगातार अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है और विनाशक हथियारों का निर्माण कर रहा है। वर इंटेलिजेंस का आकलन है कि चीन की सेना 2027 तक ताइवान पर हमले के लिए तैयार हो रही है।
जापान और ताइवान के चारों तरफ फैले प्रशांत महासागर में चीन की नौसैनिक और हवाई सैनिक गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। अब चीन के पास 20 लाख से ज्यादा की सेना है, जो उसे दुनिया की सबसे ताकतवर फोर्स बनाती है। हालांकि चीन की सेना के पास युद्ध का ज्यादा अनुभव नहीं है और उसने आखिरी बड़ी मिलिट्री लड़ाई 1979 में वियतनाम के खिलाफ बॉर्डर पर लड़ी थी, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था।
चीन का सैन्य बजट 245 अरब डॉलर प्रतिवर्ष
शी जिनपिंग ने चीनी सेना के लिए सैन्य बजट 245 अरब डॉलर प्रतिवर्ष कर दिया है। सेना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया और 3 लाख से ज्यादा सैनिकों को सेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि अमेरिका का डिफेंस बजट अभी भी लगभग तीन गुना ज्यादा है, लेकिन चीन लगातार इस अंतर को कम कर रहा है। वहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और पेंटागन की रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई हैं, कि चीन 2027 तक ताइवान पर सैन्य कब्जे के लिए तैयार रहने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। सितंबर महीने में राजधानी बीजिंग में निकाली गई सैन्य परेड के दौरान इसकी झलक देखने को भी मिली है। जब चीन ने पहली बार न्यूक्लियर ट्रायड, यानी धरती, समंदर और हवा से परमाणु बम दागने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था।
चीन ने इस दौरान डीएफ -5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का भी प्रदर्शन किया, जिससे अमेरिका के किसी भी हिस्से पर परमाणु बम गिराया जा सकता है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि चीन के पास 2030 तक 1000 से ज्यादा परमाणु हथियार हो जाएंगे। जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिका अब परमाणु हथियारों की रेस में चीन से हारने की तरफ बढ़ रहा है। चीन में बिजली की रफ्तार से मिसाइलों का निर्माण हो रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की 2025 की रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से कहा गया है कि चीन ने अपनी मिसाइल फैक्ट्रियों का क्षेत्रफल 60 तक बढ़ा दिया है। सैकड़ों एकड़ के गांवों को हटाकर भूमिगत बंकर बनाए गए हैं, नई नई फैक्ट्रियां बनाई गई हैं और मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए नये नये लॉन्चपैड भी तैयार किए गये हैं। अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट विलियम अल्बरक ने कहा है कि चीन उस रेस में शामिल हैं, जो एक मैराथन रेस है। चीन, मिसाइल और ड्रोन हमलों से ताइवान को बचाने की कोशिश करने पर अमेरिका पर हमला करने की योजना पर काम कर रहा है, ताकि अमेरिकी मदद अस्थिर हो जाए।

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