सदनों में अनुशासन, मर्यादित व्यवहार संसदीय लोकतंत्र की पहचान : मुर्मू

सदनों में चर्चा के स्तर को ऊंचा रखने पर दिया बल

सदनों में अनुशासन, मर्यादित व्यवहार संसदीय लोकतंत्र की पहचान : मुर्मू

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी आधुनिक युग की समस्याओं पर भी विचार रखे और इनका शीघ्र समाधान निकाले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

ईटानगर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने संसद और विधानमंडलों में सदस्यों के अनुशासित और मर्यादित व्यवहार पर बल देते हुए इन दोनों बातों को संसदीय लोकतंत्र की पहचान बताया है। उन्होंने सदनों में चर्चा के स्तर को भी ऊंचे से ऊंचा रखने पर बल दिया है। मुर्मू ने मंगलवार को यहां अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा,''अनुशासन और मर्यादा, ये दोनों बातें संसदीय लोकतंत्र की पहचान हैं। हमें चर्चा की विषय सामग्री और बहस का स्तर भी ऊंचे से ऊंचे रखना चाहिए।'' राष्ट्रपति ने संसदीय लोकतंत्र के उच्च मानकों का पालन करने के अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के रिकार्ड पर प्रसन्नता प्रकट की।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी आधुनिक युग की समस्याओं पर भी विचार रखे और इनका शीघ्र समाधान निकाले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में 'पक्के घोषणा-पत्र' के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर ध्यान दिए जाने के संकल्प पर संतोष जताया और उम्मीद जतायी कि अन्य राज्य इस मॉडल को अपनाने की दिशा में  आगे बढ़ेंगे। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश विधान सभा की 'ई-विधान' पहल की सराहना की जो कामकाज में कागज के प्रयोग की जरूरत को दूर करने की पहल है और यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिस तरह राज्य में 2022 को  ई-शासन वर्ष के रूप में मनाया गया उससे प्रशासनिक सुधार में सहायता मिलेगी और आम लोगों की जिंदगी आसान होगी।

मुर्मू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का रणनीतिक दृष्टिएक बहुत महत्वपूर्ण राज्य है और यह देश की पूर्वी देशों के साथ काम करने की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से बड़ा हितधारक है।  उन्होंने कहा कि देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र लम्बे समय से सड़क, रेल और विमान सेवाओं के अभाव में था पर आज सरकार इस क्षेत्र में संपर्क सुविधाओं के विस्तार को प्राधमिकता के अधार पर लागू कर रही है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि आज 'अरुणाचल प्रदेश पर विकास का सूर्य चमक रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि इस राज्य में व्यापार और निवेश का केंद्र बनने की बड़ी संभावना है।

मुर्मू ने यह भी कहा कि हमें विकास की राह पर बढ़ते हुए इस बात को सुनिश्चत करना चाहिए कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोग अपनी जड़ों से न कटे। इसके लिए उन्होंने इस क्षेत्र की परम्पराओं, संस्कृति और जीवनमूल्यों को बचाते हुए, उनकी रक्षा करते हुए आगे बढऩे की आवश्यकता पर बल दिया। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि  राज्य की समृद्ध परम्पराओं और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करते हुए सामाजिक बदलाव लाने की दिशा में उरुणाचल प्रदेश के जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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