पीओके में पाकिस्तानी सेना ने फिर बरपाया कहर : प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोलियां, 8 लोगों की मौत
हजारों लोग सड़कों पर उतरे हुए
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विरोध प्रदर्शन और हिंसा का दौर जारी है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विरोध प्रदर्शन और हिंसा का दौर जारी है। एक तरफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं तो दूसरी ओर पाक आर्मी इस विरोध को दबाने के लिए किसी भी हद तक जाती दिख रही है। बुधवार को सेना की ओर से प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई है। पाकिस्तानी सेना ने बाग जुले के धीरकोट में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की है, जिसमें आठ लोगों की जान गई है। वहीं, कई अन्य घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, पीओके में ताजा अशांति में आठ लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। बाग के धीरकोट में सबसे ज्यादा चार मौतें हुई हैं। कोहाला के पास ददयाल, मीरपुर, चमयाती और मुजफ़्फराबाद में दो-दो लोग मारे गए हैं। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई है और पथराव किया गया है।
पीओके में बढ़ रहा विरोध :
पीओके में तीन दिनों से चल रहे नागरिक विद्रोह में अब तक कुल 10 लोगों की जान जा चुकी है। बुनियादी अधिकारों की मांग और महंगाई जैसे मुद्दों पर विभिन्न शहरों से हजारो लोगों ने राजधानी मुजफ्फराबाद तक मार्च किया है। इस मार्च का ऐलान किए जाने के बाद से ही पीओके में स्थानीय लोग और सुरक्षाबल आमने-सामने हैं। पीओके में संचार सेवाएं ठप रहने के बीच सोमवार को शटर डाउन और चक्का जाम हड़ताल के चलते अशांति है। एक ओर सेना लोगों पर गोली बरसा रही है तो दूसरी ओर सेना को पीटा भी जा रहा है। मंगलवार कोप्रदर्शनकारियों ने दर्जनों पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया और उनके हथियारों को छीन लिए। कई सुरक्षाकर्मियों की पिटाई भी की गई।
क्यों जल रहा पीओके ?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रविवार दोपहर से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। लगातार हो रही हिंसा से आम जीवन पटरी से उतरा हुआ है। यह विरोध प्रदर्शन महंगाई पर शुरू हुआ था लेकिन अब इसमें कश्मीरी अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों में कटौती, आरक्षित विधानसभा सीटें खत्म करना और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की मांग भी जुड़ गई है। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों की समाप्ति और अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों की वापसी शामिल हैं।

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