म्यांमार को काटकर ईसाई देश बनाने की तैयारी शुरू : हमला कर सकता है बांग्लादेश, रखाइन राज्य में सैन्य अभियान शुरू करने की तैयारी

म्यांमार पर हमला करने वाला है बांग्लादेश?

म्यांमार को काटकर ईसाई देश बनाने की तैयारी शुरू : हमला कर सकता है बांग्लादेश, रखाइन राज्य में सैन्य अभियान शुरू करने की तैयारी

क्या म्यांमार को काटकर अलग ईसाई देश बनाने की तैयारी शुरू हो गई है? क्या अब बांग्लादेश बहुत जल्द ईसाई देश बनाने के लिए म्यांमार पर हमला करने वाला है? ये सवाल तब उठने लगे हैं

ढाका। क्या म्यांमार को काटकर अलग ईसाई देश बनाने की तैयारी शुरू हो गई है? क्या अब बांग्लादेश बहुत जल्द ईसाई देश बनाने के लिए म्यांमार पर हमला करने वाला है? ये सवाल तब उठने लगे हैं जब बांग्लादेश के डीजीएफआई अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ बैठक करने वॉशिंगटन रवाना हो गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के डायरेक्टरेट जनरल आॅफ फोर्सेज इंटेलिजेंस के महानिदेशक मेजर जनरल जहांगीर आलम 20 अप्रैल को कतर एयरवेज की फ्लाइट से ढाका से वाशिंगटन डीसी के लिए रवाना हो गये हैं। इस दौरान वॉशिंगटन में वो अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। नॉर्थईस्ट न्यूज ने अहम दस्तावेजों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेजर जनरल आलम की चार दिवसीय यात्रा, जिसकी योजना इस साल मार्च की शुरूआत में ही बना ली गई थी, वो स्पेन से लौटने के दो हफ्ते से भी कम समय बाद हो रही है, जहां उन्होंने तुर्की और पाकिस्तान सहित अन्य देशों के कई खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की थी। रिपोर्ट के मुताबिक मेजर जनरल आलम के साथ बांग्लादेश के आतंकवाद निरोधक खुफिया ब्यूरो के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल सैयद अनवर महमूद भी मौजूद हैं। बांग्लादेश सेना के आयुध प्रभाग से एक तीसरा अधिकारी, लेफ्टिनेंट भी इस टीम का हिस्सा है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और वाशिंगटन डीसी में दूतावास को इस यात्रा के बारे में सूचित कर दिया गया है।

म्यांमार पर हमले का क्या है प्लान?
 मेजर जनरल आलम की वाशिंगटन यात्रा, तीन अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के ढाका दौरे के फौरन बाद हो रही है, जिसमें नैपीडॉ में अमेरिकी प्रभारी सुसान स्टीवेन्सन, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए उप सहायक सचिव निकोल एन चुलिक और पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के लिए उप सहायक सचिव एंड्रयू आर हेरुप ने बांग्लादेश का दौरा किया था। 16 अप्रैल को ढाका पहुंची यह तीन सदस्यीय टीम, बड़ी संख्या में कर्मचारियों को साथ लेकर आई थी, जिन्होंने दो दिन पहले चटगांव हिल ट्रैक्ट्स और कॉक्स बाजार में प्रमुख स्थानों का दौरा किया था। इससे पहले फरवरी महीने में बांग्लादेश की सेना ने टेकनाफ से 30 किलोमीटर उत्तर में सिलखली मौजा (बंगाल की खाड़ी के तट पर) में एक विशालकाय इलाके में रसद अड्डा बनाने की तैयारी शुरू कर थी। ये वो क्षेत्र है जहां अराकान सेना, रखाइन राज्य के तीन प्रमुख कस्बों - सित्तवे, क्याउकफ्यू और मनौंग में सैन्य अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सिलखली मौजा से म्यांमार के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। नॉर्थईस्ट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये तीनों टाउनशिप फिलहाल म्यांमार की सेना के कंट्रोल में है। लेकिन अराकान आर्मी सबसे पहले यहीं हमला करने वाली है, जिसे बांग्लादेशी सेना का समर्थन मिलेगा। 

बांग्लादेश के सुरक्षा प्रतिष्ठान खलीलुर रहमान राखीन राज्य में होने वाले ऑपरेशनों के लिए बहुत सक्रिय हैं। दो दिन पहले रहमान ने 10वीं डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल मोहम्मद असदुल्लाह मिनहाजुल आलम से मुलाकात की थी। रखाइन राज्य में सैन्य हमले की शुरूआत का समय मेजर जनरल आलम की ब्रीफिंग का एक प्रमुख तत्व हो सकता है। बांग्लादेश और म्यांमार में मई और अगस्त के बीच लंबे समय तक मानसून रहता है, जब सैन्य अभियान सुस्त और प्रतिकूल होते हैं। ऐसे में बांग्लादेशी सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि हमले का समय सितंबर हो सकता है, जब बारिश कम हो जाएगी। हालांकि हमले को लेकर बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि विभिन्न तत्वों -अराकान आर्मी, सीएनएफ और एआरएसए - के गठबंधन को लड़ाकू बल के रूप में कैसे एक साथ लाया जाता है।

म्यांमार पर हमला करने वाला है बांग्लादेश?
नॉर्थईस्ट न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेशी अधिकारियों की वॉशिंगटन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब आशंका जताई जा रही है कि बहुत जल्द म्यांमार पर हमला किया जा सकता है। ये हमला म्यांमार से रखाइन राज्य को अलग करने के लिए होगी, जो ईसाई और रोहिंग्या मुस्लिमों की ज्यादा आबादी वाला प्रांत है। शेख हसीना जब प्रधानमंत्री थीं तब कहा था कि अमेरिका, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर एक ईसाई देश बनाना चाहता है और इसके लिए उनकी सरकार पर प्रेशर बनाया जा रहा है। उन्होंने अपनी सरकार गिरने से कई महीने पहले बता दिया था कि उनकी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है। बाद में वाकई उनकी सरकार गिरा दी गई है। इस बीच पिछले कुछ महीनों में तेजी से हालात बदले हैं और पिछले दिनों अमेरिका के एक बड़े सैन्य अधिकारी ने भी ढाका का दौरा किया था। इस वक्त जो बांग्लादेशी सैन्य अधिकारी वॉशिंगटन गए हैं वो सीआईए अधिकारियों के साथ मिलकर बांग्लादेश की भूमि के अलावा रोहिंग्या शरणार्थियों और अराकान सेना की हालिया गतिविधियों पर चर्चा की गई। 

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नॉर्थईस्ट न्यूज ने भी अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि बांग्लादेश की सेना, रोहिंग्या शरणार्थियों और अराकान आर्मी के सैन्य अभियानों में केंद्रीय भूमिका निभाएगी। इसका नेतृत्व अराकान आर्मी, चिन नेशनल फ्रंट और संभवत: अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी सहित बलों के गठबंधन की तरफ से किया जाएगा।

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