राहुल गांधी ने की जातिगत जनगणना कराने की मांग, कहा- देश की सारी संपत्ति दस से पंद्रह शीर्ष अरबपतियों और कॉरपोरेट घरानों की जेबों में है
गांधी ने संविधान बचाओ विषय पर आयोजित सम्मेलन को किया संबोधित
जाति जनगणना कराने और सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़े और अन्य वंचित वर्ग के लिए आरक्षण की पचास प्रतिशत की ऊपरी सीमा समाप्त करने की आज मांग की
पटना। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने और सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़े और अन्य वंचित वर्ग के लिए आरक्षण की पचास प्रतिशत की ऊपरी सीमा समाप्त करने की आज मांग की। गांधी ने सोमवार को यहां संविधान बचाओ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शीर्ष निजी कंपनियों में एससी, एसटी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), पिछड़ा वर्ग (बीसी) और अन्य वंचितों की भागीदारी नगण्य है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि वे अपने उद्यम शुरू करने के लिए बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऋण के लाभार्थियों की सूची में भी दिखाई नहीं देते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की सारी संपत्ति दस से पंद्रह शीर्ष अरबपतियों और कॉरपोरेट घरानों की जेबों में है और उनमें से कोई भी एससी, एसटी, ईबीसी, बीसी और अन्य वंचित वर्ग में से नहीं है।
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