एमपी सरकार का अभी दूसरे राज्यों को नहीं देने का निर्णय : फिलहाल कूनो से चीते नहीं आएंगे राजस्थान
अगर खुद से जाते हैं तो रोकेंगे नहीं
वन विभाग का मानना है कि एक से दूसरे राज्य के बीच चीतों की आवाजाही होने का फायदा शिकारी उठा सकते हैं।
भोपाल/श्योपुर। दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को मध्यप्रदेश सरकार फिलहाल किसी और राज्य को नहीं सौंपने जा रही है, ऐसे में ये चीते अभी मध्यप्रदेश में ही अपना कुनबा बढ़ाएंगे। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल चीतों की शिफ्टिंग नहीं होगी। उच्च स्तर पर हुई बातचीत के बाद यह तय हो सका है। दरअसल प्रशासन ने तय किया है कि जब तक कूनो में चीतों का कुनबा नहीं बढ़ता, तब तक दूसरे राज्यों के साथ उनकी आवाजाही नहीं की जाएगी। राजस्थान के साथ बनी थी सहमति- चीतों की राजस्थान के साथ आवाजाही को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच एक सहमति पत्र हुआ था, जिसमें चीतों के लिए दोनों राज्यों के बीच एक कॉरिडोर बनाने की बात कही गई थी। इसके तहत चीतों को राजस्थान के मुकंदरा रिजर्व के क्षेत्र में भेजने की बात थी।
अगर खुद से जाते हैं तो रोकेंगे नहीं
सूत्रों के मुताबिक अगर चीते स्वेच्छा से अगर आवाजाही करते हैं तो उन्हें बाड़ाबंदी कर रोका भी नहीं जाएगा, बल्कि निगरानी बढ़ाई जाएगी। चीतों के लिए अच्छा माहौल तैयार करने और दूसरे राज्यों के साथ समझौता फिलहाल स्थगित कर दिया है।
17000 वर्ग किमी का कॉरिडोर बनाने का था प्रस्ताव - नवंबर 2024 में मध्यप्रदेश सहित राजस्थान के कुछ हिस्से को मर्ज कर 17000 वर्ग किमी का एक कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया था। इसका उद्देश्य चीतों को अपना क्षेत्र स्थापित करने और आवागमन को सुरक्षित बनाने में उनकी मदद करना था, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं होगा।
यह बताया कारण- वन विभाग का मानना है कि एक से दूसरे राज्य के बीच चीतों की आवाजाही होने का फायदा शिकारी उठा सकते हैं। हालांकि चीतों की ट्रेकिंग के लिए निगरानी तंत्र विकसित करने की योजना है। दूसरे राज्यों के बीच चीतों का मूवमेंट बढ़ने से बाघ और तेंदुओं के साथ उनके संघर्ष में किसी को भी नुकसान हो सकता है।

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