आवश्यक है वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम
एबीएस सड़क सुरक्षा की नई राह
देश में बढ़ती सड़क दुर्घटना और उनमें दुपहिया वाहनों की बढ़ती भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाया है।
देश में बढ़ती सड़क दुर्घटना और उनमें दुपहिया वाहनों की बढ़ती भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाया है। केंद्र सरकार आगामी एक जनवरी 2026 से भारत में बिकने वाले सभी नई दुपहिया वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी एबीएस को अनिवार्य करने की तैयारी में है। दरअसल, यह नियम न केवल महंगी मोटरसाइकिलों पर बल्कि 75 सीसी से लेकर 125 सीसी तक की एंट्री लेवल मोटरसाइकिलों और स्कूटरों पर भी लागू होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी करने वाला है। फिलहाल, एबीएस की अनिवार्यता केवल 125 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों पर लागू है, लेकिन नए नियम से यह पूरे दुपहिया क्षेत्र में लागू हो जाएगा। सरकार के इस फैसले के पीछे का मकसद साफ है कि दुपहिया वाहनों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में देश में हुई कुल 1,51,997 सड़क दुर्घटनाओं में से लगभग 20 फीसदी में दुपहिया वाहन शामिल थे। वहीं, सड़क पर हुई कुल मौतों में दुपहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 44 फीसदी रही। जो कि हमारी चिंताओं में बेतहाशा इजाफा करने वाला है। लिहाजा, सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के आंकड़ों पर अंकुश लगाने की दिशा में सुधार आवश्यक भी हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि अधिकतर विकसित देश एबीएस को अनिवार्य कर चुके हैं। विकासशील देश जैसे ब्राजील, इंडोनेशिया आदि सुरक्षा के लिए एबीएस को चरणबद्ध रूप में लागू कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी मोटरसाइकिलों के लिए ब्रेकिंग सिस्टम के मानक निर्धारित किए हैं, जिन्हें कई देश अपना चुके हैं। भारत सरकार इस आवश्यकता को समझते हुए दुपहिया वाहनों में एबीएस को अनिवार्य करने की योजना बना रही है। यह निर्णय न केवल जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि नीति निर्धारण में सुरक्षा को प्राथमिकता देने का उदाहरण भी है।
दुपहिया वाहनों में सुरक्षित ब्रेक प्रणाली की आवश्यकता केवल चालक की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और यातायात व्यवस्था की समग्र सुरक्षा से जुड़ा विषय है। जब एक सशक्त ब्रेकिंग सिस्टम चालक को नियंत्रण प्रदान करता है, तो वह स्वयं सुरक्षित होता है और दूसरों की भी रक्षा कर सकता है। सड़क पर चलते हुए हमने न जाने कितनी बार दुर्घटनाओं के भयावह दृश्य देखे हैं। कहीं दुपहिया वाहन फिसलकर गाड़ी के नीचे आ गया, तो कहीं एक स्कूटी सवार ब्रेक लगाते ही सड़क पर गिर पड़ा। ऐसे दृश्य केवल एक पल की चूक नहीं, बल्कि तकनीक की अनुपस्थिति और जागरूकता की कमी का परिणाम होते हैं। इन सब के बीच, एक साधारण सी दिखने वाली तकनीक एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम आम आदमी के जीवन की रक्षा में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।
मुझे आज भी याद है, जब मेरे एक मित्र की बाइक बारिश के मौसम में अचानक ब्रेक लगाने पर फिसल गई थी। चोटें मामूली थीं, लेकिन मन पर जो डर बैठ गया, वह गहरा था। कुछ महीनों बाद उसने एबीएस से सुसज्जित बाइक खरीदी और कहा, अब लगता है, बाइक मेरे नियंत्रण में है, मैं उसके नहीं। यह बात सामान्य लग सकती है, पर इसकी गहराई में वह विश्वास है, जो सड़क पर जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर तय करता है। इस बीच मस्तिष्क में इस सवाल का कौंधना स्वाभाविक है कि आखिर एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम किस प्रकार से काम करता है, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम एक उन्नत तकनीक है, जो अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे वाहन का संतुलन बना रहता है और दुर्घटनाएं टल सकती हैं। यह प्रणाली ब्रेक लगाते समय पहियों पर बार-बार दबाव देकर वाहनों को फिसलने से रोकती है, जिससे चालक को वाहन को नियंत्रित करने का समय मिल जाता है। इसी समस्या के समाधान के रूप में आधुनिक तकनीक ने सुरक्षित ब्रेक प्रणाली को विकसित किया है। यह तकनीक न केवल वाहन को नियंत्रित तरीके से रोकने में सहायक होती हैं, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका को भी काफी हद तक कम कर देती हैं।
सवाल यह भी है कि दुपहिया वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम अनिवार्य करने से वाहनों की कीमतों पर कोई प्रभाव पड़ेगा, दुपहिया वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के उपयोग में लाए जाने से कीमतों का बढ़ना स्वाभाविक है। वाहन उद्योग से जुड़े विश्लेषकों के मुताबिक, एबीएस लगाने से प्रत्येक वाहन की लागत 2500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक बढ़ सकती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव एंट्री लेवल मोटरसाइकिल और स्कूटरों पर पड़ेगा। जो आमतौर पर कम बजट वाले खरीदारों के बीच लोकप्रिय हैं। लेकिन, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि यदि यह तकनीक कुछ रुपए की लागत के साथ उपलब्ध होने पर हमारे जीवन को बचा सकती है तो यह खर्च नहीं बल्कि निवेश की भांति है।
आज के युग में परिवहन के साधनों में दुपहिया वाहन सबसे अधिक लोकप्रिय और सुलभ माध्यम बन गए हैं। भारत जैसे विशाल देश में, जहां ट्रैफिक की भीड़ और सड़क की गुणवत्ता में भारी अंतर देखने को मिलता है, वहां दुपहिया वाहन दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। किंतु, इन वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ ही दुर्घटनाओं की दर भी चिंताजनक रूप से बढ़ी है। ऐसे में, दुपहिया वाहनों में सुरक्षित ब्रेक प्रणाली की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
-अली खान
यह लेखक के अपने विचार हैं।
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