जानें राज काज में क्या है खास 

मैडम हुई हवा हवाई 

जानें राज काज में क्या है खास 

सूबे में इन दिनों कई भाई लोग फिर से कुर्सी के सपने देखने लग गए हैं।

सपने कुर्सी के :

सूबे में इन दिनों कई भाई लोग फिर से कुर्सी के सपने देखने लग गए हैं। सपनों के फेर में बेचारे नींद के भी दुश्मन हो गए। जब भी बदलाव का शिगूफा उठता है, भाई साहबों की रातों की नींद और दिन का चैन उडे़ बिना नहीं रहता। डेढ़ साल में ऐसा कई बार हुआ है। सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर नई चर्चा है कि जब से जून माह में कैबिनेट रिसफलिंग का शिगूफा उठता है, तब से यहां आने वाले हर दूसरे एमएलए ने मंत्री की कुर्सी के लिए नींद में बड़बड़ाने का रोग पाल लिया। बेचारे भारती भवन से दिल्ली दरबार तक इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स और सिर्फ भाषणों में अनुभव का बखान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अब इनको कौन समझाए कि कुर्सी की चाह, गुटबाजी की चाल और बड़े नेताओं की टालमटोल नीति को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी है।

मैडम हुई हवा हवाई :

पिंकसिटी के ग्रेटर वाले इलाके की पहली महिला के पिछले दिनों हवा में उड़ने को लेकर चर्चा जोरों पर है। चर्चा हो भी क्यों ना, मामला विदेश यात्रा से ताल्लुक जो रखता है। मैडम ने भी अपना जलवा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बिना राज के परमिशन के हवा में उड़ गई। राज का काज करने वाले लंच केबिनों में बतियाते हैं कि पहले भी कई बार चर्चा में आ चुकी फर्स्ट लेडी ने इस बार भी रूल्स को तलाशने में ब्यूरोक्रेसी के पसीने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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गद्दी फंसी न्याय के फेर में :

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गद्दी तो गद्दी होती है। गद्दी बड़ी हो तो उसकी चाहत में बड़े ही जतन करने पड़ते हैं। उसके लिए न आगा देखा जाता है और नहीं पीछा। अब देखो ना, दुनियाभर में आराध्यदेव के नाम से फेमस पिंकसिटी वाले मंदिर की गद्दी को लेकर फैमिली में डिस्प्यूट हुआ, तो न्याय के मंदिर के दरवाजे खटखटाना लाजिमी था, सो बड़े भाई साहब ने भी ऐसा ही किया। बेचारे को यह पता थोड़े ही था कि उसकी चाहत में हुई जंग काले कोट वालों के फेर में फंस जाएगी। गुलाबीनगर के हर चौराहे पर खुसरफुसर है कि मेष राशि वाले बंधुओं की जंग में उलझी गद्दी को जिस राजा ने बख्शीश में दी थी, उसके कन्या राशि वाले वारिश भी समझ नहीं पा रहे कि आखिर माजरा क्या है।

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एक जुमला यह भी :

सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि छपास रोग को लेकर है। यह रोग आमजन को कम और लीडर्स को ज्यादा होता है। इस रोग से पीड़ितों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। देर रात तक नींद नहीं आना और अखबार नवीशों से बात किए बिना खाना हजम नहीं होना, इस रोग के लक्षण हैं। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में इस रोग से पीड़ितों को लेकर बतियाये बिना नहीं रहते हैं। उनमें चर्चा है कि इस रोग से पीड़ित हर राज में होते हैं, लेकिन इस बार सेकण्ड लाइन के नेताओं में कुछ ज्यादा ही फैला है। सिंह राशि वाले भाई साहब को लगे इस रोग से फ्रंट लाइन के साथ ही समकक्ष नेताओं के चेहरों पर भी चिन्ता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। 

-एल. एल. शर्मा 
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)

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