जानें राज काज में क्या है खास
बिगड़ा ग्रह योग
सूबे में इन दिनों नई दोस्ती को लेकर चर्चा जोरों पर है।
चर्चा में दोस्ती :
सूबे में इन दिनों नई दोस्ती को लेकर चर्चा जोरों पर है। वैसे तो चर्चा वर्कर्स से लेकर टॉप लीडर्स तक है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने पर है। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में इस दोस्ती को लेकर बतियाये बिना नहीं रहते। चर्चा है कि जोधपुर वाले अशोकजी भाई और छोटे पायलट का गले मिलकर दोस्ती का मेसेज देने का नया पैंतरा कई भाई लोगों को हजम नहीं हो रहा। सबसे ज्यादा नींद उन भाई साहब की उड़ी हुई है, जो वीर तेजाजी के वंशज होने का दावा कर अगले राज में बड़ी कुर्सी का सपना देख रहे थे। अब भाई लोगों को कौन समझाए कि जादूगर जी और छोटे पायलट ने जो किया है, उसके पीछे हाथ वाले वेटिंग पीएम राजकुमार का बढ़ता ग्राफ है। उनके इस मायने को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी है।
वेट एंड वॉच :
भगवा वाले भाई लोगों का भी कोई सानी नहीं है। तिल का पहाड़ बनाने में माहिर हंै। जो दूर-दूर तक संभव नहीं है, उसका भी ऐसा माहौल बना देते हैं कि बस जल्द ही होने वाला है। तीन गुटों में बंटे भाई लोग सिर्फ अपने लीडर के फेवर की बात करते हैं। सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर वर्कर्स में खुसरफुसर है कि दिल्ली में बैठे गुजराती बंधु जब भी चिंतन-मंथन करते हैं, तो सूबे के भाई लोग उसका भी अपने हिसाब से मायने निकालने में रात-दिन एक कर देते हैं। अब देखो न, बीते दिनों राज की कुर्सी के लिए रेस में शामिल बड़े लीडर्स की लिस्ट तक बनाकर परोस दी। अब इन भाई लोगों को कौन समझाए कि राज में जो होता है, वह दिखता नहीं है, और जो दिखता है, वह होता नहीं है।
बिगड़ा ग्रह योग :
आजकल राज के दो रत्नों का ग्रह योग बिगड़ा हुआ है। दोनों ही सरकार चलाने में अपनी टांग अड़ाए बिना नहीं रहते। उनकी टांग अड़ाने वाली आदत से राज के आसपास के लोग भी काफी दु:खी हैं। वृष राशि वाले भाई साहब का स्वामी शुक्र रूठा हुआ है, जो रोजाना अपनी करामात दिखाए बिना नहीं रहता। रत्न को रोजाना नए आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। धनु राशि वाले भाई साहब भी घरेलू संकट से जूझ रहे हैं। उनका गुरु बृहस्पति भी कोई कसर नहीं छोड़ नहीं रहा। दिन रात टोने-टोटकों के बाद भी काबू में नहीं आया और पिछले दिनों बुध को ऐसा झटका दिया, जिसकी कल्पना भी नहीं थी। अब राज के दोनों रत्नों को ऐसे पंडित की तलाश है, जो बड़ा अनुष्ठान कर बिगडेÞ गृहयोग को ठीक कर सके।
एक जुमला यह भी :
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं, बल्कि राज का काज करने वालों पर लागू सीओडी से ताल्लुक रखता है। जुमला है कि जब राज करने वालों ने कोड आॅफ कंडक्ट की आड़ में पांच साल पहले निकाले एक सर्कुलर में सरकारी कारिन्दों को पंक्चुअल कर दिया कि वे किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से ताल्लुक रखेंगे, तो खैर नहीं है, लेकिन अब बिना पॉलिटिकल डिजायर के उनके ट्रांसफर पॉसिबल नहीं हैं। अब राज का काज करने वालों को कौन समझाए कि हर नई रीत के पीछे कई राज छिपे रहते हैं। इसलिए 52 साल पहले बनी फिल्म धर्मा का गाना इशारों को अगर समझो, राज को राज रहने दो को गुनगुनाओ और जो हो रहा है, उसे देखते रहो।
-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)
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