ओयो के खिलाफ दर्ज एफआईआर में दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक
संबंधित पक्षकारों से दो सप्ताह में जवाब मांगा
इसके बाद रिसोर्ट संचालकों ने टैक्स दायित्व से बचने के लिए गत 9 अप्रैल को याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रिसोर्ट की फर्जी बुकिंग दिखाने के मामले में ओयो के खिलाफ अशोक नगर थाने में दर्ज एफआईआर में दंडात्मक कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही संबंधित पक्षकारों से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश कंपनी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर और अधिवक्ता लिपि गर्ग ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता समस्कारा रिसोर्ट ने जीएसटी विभाग की टैक्स रिकवरी के लिए पूर्व में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे हाईकोर्ट ने मार्च माह में खारिज कर दिया था। इसके बाद रिसोर्ट संचालकों ने टैक्स दायित्व से बचने के लिए गत 9 अप्रैल को याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता केवल कमीशन के आधार पर काम करता है।
बुकिंग से होने वाली आय पर टैक्स का दायित्व संबंधित होटल और रिसोर्ट पर ही होता है। शिकायतकर्ता ने अपने टैक्स दायित्व से बचने के लिए याचिकाकर्ता पर गलत आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्षकारों से जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि समस्कारा रिसोर्ट की ओर से अशोक नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि ओयो ने रिसोर्ट में करीब 22.50 करोड रुपए की बोगस बुकिंग दिखाई। इसी तरह कंपनी ने अपनी वैल्थ बढ़ा चढ़ाकर दिखाने के लिए अन्य होटल व रिसोर्ट में भी फर्जी बुकिंग दिखाई। इसके चलते जीएसटी विभाग होटल और रिसोर्ट संचालकों को टैक्स रिकवरी के नोटिस दे रहा है। जीएसटी ने उसके खिलाफ भी 2.66 करोड़ रुपए की टैक्स रिकवरी निकाली है।
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