आमजन और विकास से जुड़े प्रकरणों की प्राथमिकता से पैरवी हो : भजनलाल

कोर्ट में लंबित प्रकरणों की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

आमजन और विकास से जुड़े प्रकरणों की प्राथमिकता से पैरवी हो : भजनलाल

कोर्ट केसेज की पेंडेंसी कम करने के लिए समयबद्ध लक्ष्य तय कर कार्यवाही की जाए। 

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विभागों के अधिकारियों को कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की आठ करोड़ जनता के समग्र कल्याण के लिए समर्पण भाव से जनकल्याणकारी विकास योजनाओं का संचालन सुनिश्चित कर रहे हैं, इनमें विधिक कारणों से किसी प्रकार की रूकावट ना आए, इसके लिए सरकार द्वारा न्यायालयों में लंबित मामलों में प्रभावी रूप से पक्ष रखा जा रहा है। आमजन को समय पर राहत मिले तथा सरकार पर उनका भरोसा और अधिक मजबूत हो इसके लिए सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारीपूर्ण निर्वहन करें। विधिक कार्यों में सरकार की ओर से संसाधनों की किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री आवास पर न्यायालयों में लंबित विभिन्न विभागों से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए शर्मा ने कहा कि आमजन का हित ही हमारी प्रमुख प्राथमिकता है। इसलिए जनकल्याण से जुड़े प्रकरणों की न्यायालयों में प्राथमिकता से पैरवी की जाए। प्रभावी ढंग से पक्ष रखा जाए। इसके लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता स्तर पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नियुक्त किया जाए।  जिन प्रकरणों में उच्चस्थ अदालतों में अपील की आवश्यकता हो उनमें सरकार की ओर से समय पर अपील की जाए। 

युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना सरकार का लक्ष्य 
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना सरकार का लक्ष्य है। इसलिए न्यायालय में लंबित भर्ती संबंधी प्रकरणों का विधिवत परीक्षण करवाकर उनका शीघ्र निस्तारण करवाया जाए। विभागीय स्तर पर भी नियम बनाते समय विस्तृत विधिक परामर्श लिया जाए, जिससे भर्ती प्रक्रिया निर्बाध रूप से संपन्न हो सके। विकास योजनाओं से संबंधित भूमि के लंबित प्रकरणों में अदालत से हुए स्थगन आदेशों को प्रभावी पैरवी के साथ निरस्त करवाया जाए, जिससे इन प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया जा सके। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यूआर साहू, महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, विभिन्न अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे। सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता वीसी से जुड़े। 

लंबित प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग हो सुनिश्चित 
न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में विभाग की तरफ  से नियुक्त अधिकारी प्रकरणों की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। ये अधिकारी न्यायालय में पैरवी के लिए नियुक्त अधिवक्ता के साथ निरंतर संपर्क में रहें। आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध करवाएं, जिससे इन प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो सके। शासन सचिवों को निर्देश दिए कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ  सख्त कार्यवाही की जाए। उच्चाधिकारी भी नियमित रूप से अधिवक्ताओं के साथ चर्चा कर प्रकरण से संबंधित विभिन्न पहलूओं से उन्हें अवगत कराएं। न्यायालय में विचाराधीन ऐसे मामले जो एक से अधिक विभागों से संबंधित हैं उनके लिए संबंधित विभाग आपसी सहयोग एवं निरंतर समन्वय बनाएं। सक्षम स्तर पर नोडल अधिकारी लगाएं। अधिवक्ता के साथ आपसी समन्वय रखें। मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर भी समन्वय के लिए अधिकारियों को नियुक्त करेंगे। कोर्ट केसेज की पेंडेंसी कम करने के लिए समयबद्ध लक्ष्य तय कर कार्यवाही की जाए। 

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