मुख्यमंत्री ने किया उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन, 2.60 करोड़ रूपए का वित्तीय प्रावधान
पहली किश्त के रूप में मिलेंगे 5000 रूपए
योजना के अंतर्गत, पशु चिकित्सक द्वारा मादा ऊंट व बच्चों को टैग लगाकर पहचान पत्र देने के बाद ऊंट पालक को 5000 रूपए, प्रत्येक पहचान पत्र के लिए पशु चिकित्सक को 50 रूपए का मानदेय और ऊंट के बच्चे के एक साल पूरा होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 5000 रूपए का प्रावधान किया गया है।
जयपुर। राज्य सरकार ऊंटों के संरक्षण की दिशा में लगातर काम कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन किया है। इसके लिए उन्होंने 2.60 करोड़ रूपए का वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी है।
योजना के अंतर्गत, पशु चिकित्सक द्वारा मादा ऊंट व बच्चों को टैग लगाकर पहचान पत्र देने के बाद ऊंट पालक को 5000 रूपए, प्रत्येक पहचान पत्र के लिए पशु चिकित्सक को 50 रूपए का मानदेय और ऊंट के बच्चे के एक साल पूरा होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 5000 रूपए का प्रावधान किया गया है। दोनों किश्तों की राशि ऊंट पालक के बैंक खाते में भेजी जाएगी। गहलोत के इस निर्णय से ऊंट पालकों को आर्थिक संबल के साथ प्रोत्साहन मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू करने के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था।

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