विधायक कंवरलाल की सदस्यता का मामला : कांग्रेस ने स्पीकर को ज्ञापन सौंपा, देवनानी बोले: विधिक राय लेकर निर्णय लेंगे
समितियों में हुए आंशिक संशोधन पर चर्चा
पिछले कई वर्षो में ऐसा उदाहरण देखने में नहीं आया कि मात्र 15 दिन में ही समिति के सभापतियों को बिना किसी कारण विशेष के बदला गया हो।
जयपुर। अंता विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता मामले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। देवनानी ने मामले में महाधिवक्ता से राय लेकर जल्दी निर्णय का आश्वासन दिया है। देवनानी ने विधायक कंवरलाल के मामले में राज्य के महाधिवक्ता को इस संबंध में तुरंत अपनी विधिक राय राजस्थान विधान सभा सचिवालय को भेजे जाने के लिए निर्दिष्ट किया है। देवनानी ने कहा है कि विधिक राय प्राप्त होते ही विधायक कंवरलाल की विधान सभा सदस्यता को समाप्त किए जाने के बारे में तत्काल विधि सम्मत और न्याय सम्मत निर्णय लिया जाएगा।
समितियों में हुए आंशिक संशोधन पर चर्चा
देवनानी से प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा सचिवालय में गत दिनों समितियों में किए गए आंशिक संशोधन पर भी चर्चा की। देवनानी ने कहा कि वरिष्ठ और अनुभवी सदस्य नरेन्द्र बुडानिया को समिति से हटाया नहीं गया है। यह भ्रमित प्रचार है। बुड़ानिया के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए उन्हें पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी जैसी महत्वपूर्ण विषयों की समिति का सभापति बनाया गया है। बुडानिया को अकेले ही परिवर्तित नहीं किया गया है। उनके साथ तीन अन्य सभापतियों, जो सत्तापक्ष से संबंध रखते हैं, को भी अन्य समिति का सभापति बनाया गया है।
सभापति नियुक्ति बुलेटिन में प्रक्रिया नियमों की अनदेखी हुई: जूली
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने देवनानी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने मुलाकात में समितियों में सभापतियों की नियुक्ति सम्बन्धी संशोधन, समितियों के गठन में कार्यकाल का हवाला नहीं दिए जाने और सजायाफ्ता अंता विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता की निर्योग्यता के सम्बन्ध में बरती जाने वाली शिथिलता पर घोर आपत्ति जताई है। महज 15 दिन में ही बुडानिया को विशेषाधिकार समिति के सभापति से हटाकर पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति के सभापति पद पर नियुक्त किया गया। पिछले कई वर्षो में ऐसा उदाहरण देखने में नहीं आया कि मात्र 15 दिन में ही समिति के सभापतियों को बिना किसी कारण विशेष के बदला गया हो। यह विधानसभा की परम्पराओं के विपरीत है। हमने स्पीकर से आग्रह किया है कि वे राजस्थान विधान सभा की गौरवशाली परम्पराओं को बनाएं रखें।
साथ ही अंता विधायक की सदस्यता को लेकर लम्बे समय से ढुलमुल रवैया अपनाए जाने को लेकर अध्यक्ष से मांग की है कि आप अपने अधिकारों का समुचित उपयोग करते हुए विधायक की सदस्यता निरस्त कर निष्पक्षता का उदाहरण प्रस्तुत करें। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, मुख्य सचेतक रफीक खान, वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा, राजेन्द्र पारीक, समरजीत सिंह, हाकम अली, मनोज मेघवाल सुजानगढ, अनिल शर्मा, रूपिन्दर सिंह कुन्नर और विकास चौधरी शामिल थे।
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