सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव : विपक्ष का जमकर हंगामा और बहिर्गमन, प्रस्ताव को द्वेषतापूर्ण राजनीति का बताया उदाहरण 

मकानों के टूटने की तथ्यहीन सूचना पेश की

सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव : विपक्ष का जमकर हंगामा और बहिर्गमन, प्रस्ताव को द्वेषतापूर्ण राजनीति का बताया उदाहरण 

सत्तापक्ष विधायकों ने गलत तथ्यों को पेश करने पर प्रस्ताव का समर्थन किया, वहीं विपक्षी दलों ने सरकार के प्रस्ताव को द्वेषतापूर्ण राजनीति का उदाहरण बताते हुए विरोध जताया।

जयपुर। राज्य सरकार की तरफ से विधानसभा में भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर सदन में हंगामा हो गया और सदन से बहिर्गमन किया। सत्तापक्ष विधायकों ने गलत तथ्यों को पेश करने पर प्रस्ताव का समर्थन किया, वहीं विपक्षी दलों ने सरकार के प्रस्ताव को द्वेषतापूर्ण राजनीति का उदाहरण बताते हुए विरोध जताया।

सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने शून्यकाल के दौरान विधायक डॉ. सुभाष गर्ग के बारे में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि गर्ग ने सदन के अंदर भरतपुर जिले में लोहागढ़ किले में सड़कें चौड़ी करने के नाम पर मकानों के टूटने की तथ्यहीन सूचना पेश की। इससे वंहा लोगों में गफलत बन गई और लोगों को मकान टूटने का डर सता रहा है। प्रस्ताव के बाद सत्तापक्ष विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपनी सहमति दी। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए कहा कि विधायक जनता से मिले फीडबैक आधार पर मुद्दा उठाते हैं। जनहित के मामलों में अधिकांश विधायक तथ्यों के सबूत नहीं मांगते हैं, लिहाजा सरकार विपक्षी सदस्यों के खिलाफ गलत परंपरा डाल रही है। सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि विधायक ने गलत तथ्य देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया है। सरकार ने सोच समझ कर यह प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कोई विधायक इस तरह का प्रश्न लगाते हैं तो सरकार जवाब देकर सवाल निरस्त कर सकती है। 

विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि प्रशासन में केवल नगर निगम या जिला प्रशासन नहीं आता। आर्कियोलॉजी विभाग भी आता है। इस मामले में बहुत बड़े बड़े लोग शामिल हैं, इसलिए जांच होने पर उनकी पोल खुल जाएगी। स्पीकर ने दोनों पक्षों की बातचीत सुनने के बाद प्रस्ताव को विशेषाधिकार हनन समिति को भेजने की अनुशंषा पर वोटिंग कराई और प्रस्ताव पास होने के बाद समिति को भेजने का निर्णय लिया गया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।

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