लक्ष्मी स्वरूपा माता जानकी ने दिए चरण दर्शन
जन्मोत्सव पर माता के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है इसलिए चरणों के दर्शन कराए जाते हैं।
जयपुर। माता जानकी धन एवं वैभव की देवी लक्ष्मी जी का ही रुप हैं । वैसे ही राजा रामचन्द्र जी भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार हैं । जानकी नवमी पर माता सीताजी के दर्शन करने से धन एवं वैभव की होती है । जानकी नवमी के अवसर पर माता सीता का जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिरों को सुन्दर पुष्प से सजाकर फूल बंगला का रूप दिया गया । सुबह माता जानकी का पंचामृत अभिषेक कर जन्म आरती की गई । इस अवसर भक्तों ने माता जानकी के चरण दर्शन किए। यह चरण दर्शन मंदिर में साल में एक ही दिन होते हैं ।
मंदिर श्री राम चन्द्र जी चांदपोल के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि सालभर सीता माता के चरण लहंगे से ढके होते हैं क्योंकि ये सीताजी का मर्यादित स्वरूप है । जन्मोत्सव पर माता के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है इसलिए चरणों के दर्शन कराए जाते हैं। यह परम्परा मंदिर श्री रामचन्द्र जी चांदपोल और मंदिर श्री सीताराम जी में बरसों से निभाई जा रही है । छोटी चौपड़ स्थित मंदिर श्री सीताराम जी के पुजारी नंदकिशोर पारीक ने बताया कि जानकी जी के श्री चरणों के दर्शन की यह परम्परा मंदिर में 297 साल से निभाई जा रही है । सुबह सवा 11 बजे मंदिर में 51 किलो दूध से पंचामृत अभिषेक कर माता सीताजी को रजवाड़ी आभूषण धारण कराए जा रहे हैं । 101 हवाई गर्जनाओं के साथ माता की जन्म आरती के साथ पलना झांकी, भजन व पद गायन हो रहा है ।

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