मोदी-3 सरकार में राजस्थान से चार मंत्री : राजपूत-एससी-यादव चेहरे रिपीट, कैलाश हारे तो उनकी जगह जाट चेहरा भागीरथ शामिल
प्रदेश को मिली पूरी तवज्जो, 25 की जगह 14 ही सीटें जीती, लेकिन मोदी-3 सरकार के मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मोदी-2 सरकार की तरह बरकरार
जयपुर। राजस्थान में भले ही भाजपा ने इस बार 25 की जगह 14 ही सीटों पर जीत हासिल की हो, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार-3 में प्रदेश से भाजपा का प्रतिनिधित्व कम नहीं किया गया है। जातिगत समीकरण भी मोदी-2 सरकार में जिस तरह से साधे गए थे, उसी तरह इस बार भी राजपूत, एससी, यादव (ओबीसी) और जाट वर्ग से ही मंत्री बनाए गए हैं। भाजपा राजस्थान से लोकसभा सांसद बने जोधपुर के गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव केबिनेट मंत्री, बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और बाड़मेर से कैलाश चौधरी राज्यमंत्री मंत्री थे। वहीं इस बार भी भाजपा ने गजेन्द्र, भूपेन्द्र को पिछली बार की ही भांति केबिनेट मंत्री और अर्जुनराम को मंत्रिमंडल राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया है। बाड़मेर से कैलाश चौधरी चुनाव हार गए। ऐसे में उनकी जगह जाट वर्ग से ही अजमेर लोकसभा चुनाव से जीतकर आए भागीरथ चौधरी को राज्य मंत्री बनाया है।
जाट बैल्ट की 6, एससी की 4 में से 1-1 ही जीत सके, जीते दोनों सांसद मंत्री
भाजपा को लोकसभा चुनावों में राजस्थान की जाट बैल्ट की छह सीटों चूरू, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, बाड़मेर, अजमेर में से पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। केवल अजमेर सीट पर भाजपा के भागीरथ चौधरी दूसरी बार जीतकर आए हैं। ऐसे में प्रदेश में जाट वर्ग को साधने के लिए भागीरथ को राज्यमंत्री बनाया गया है, क्योंकि इस बैल्ट से केवल वे ही चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं एससी वर्ग की राजस्थान की चार सीटों में करौली-धौलपुर, भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर में से भी भाजपा केवल बीकानेर पर ही अर्जुनराम मेघवाल चुनाव जीतकर आ सके हैं। ऐसे में एससी वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने मेघवाल को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया है।
परम्परागत राजपूत वर्ग को साधा
राजपूत वर्ग भाजपा का प्रदेश में परम्परागत वोट बैंक रहा है। लोकसभा चुनावों में इस वर्ग के वोट बैंक से भी भाजपा को सेंधमारी की आशंका है। ऐसे में परम्परागत वोट को साधने के लिए भाजपा ने फिर से राजपूत वर्ग के बडेÞ चेहरे जोधपुर लोकसभा सीट से जीते गजेन्द्र सिंह शेखावत को फिर से केबिनेट मंत्री बनाकर इस वर्ग को तवज्जो दी है।
राजस्थान के साथ हरियाणा के सियासी समीकरण साध रहे यादव
दूसरी बार केन्द्रीय मंत्री बने अलवर के लोकसभा सांसद भूपेन्द्र यादव को भाजपा ने मोदी-3 सरकार में भी केबिनेट मंत्री बनाया है। मूलत: अजमेर के रहने वाले यादव प्रदेश की यादव बैल्ट के साथ ही हरियाणा में भी खासी पकड़ रखते हैं। यूपी में भी इस वर्ग के सियासी समीकरण बनाने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया है। यादव मोदी-2 सरकार में राज्यसभा कोटे से केबिनेट मंत्री बने थे।
गजेन्द्र की मंत्रिमंडल में हैट्रिक, यादव-मेघवाल दूसरी बार, भागीरथ का पहला टर्म
मोदी की लगातार तीसरी सरकार में जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत मंत्री बने हैं। वहीं भूपेन्द्र यादव और अर्जुनराम मेघवाल दूसरी बार मंत्री बने हैं। हालांकि मेघवाल मोदी-1 सरकार में लोकसभा में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। दूसरी बार सांसद बने भागीरथ चौधरी पहली बार मंत्री बने हैं।
जोधपुर, अजमेर, अलवर, बीकानेर संभाग से मंत्री
राजस्थान मे जोधपुर संभाग से गजेन्द्र, अजमेर संभाग से भागीरथ, बीकानेर संभाग से मेघवाल और अलवर संभाग से भूपेन्द्र को मंत्री बनाया गया है।
अश्विनी वैष्णव मूलत: राजस्थान के, पूर्व की भांति उड़ीसा कोटे से मंत्री बने
मोदी-2 सरकार में रेल मंत्री रहे राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव भी मूलत: राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं। हालांकि वे उड़ीसा में आईएएस रहे और फिर भाजपा में आए। वहीं से मोदी-2 सरकार में केबिनेट मंत्री बने। हालांकि चुनावों से पहले उनकी राजस्थान में भी सक्रियता प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय रही। कयास लगाए गए कि वे 2024 के लोकसभा चुनावों में राजस्थान की राजनीतिक में लैंड कराए जा सकते हैं, लेकिन चुनाव पूर्व उनकी सक्रियता प्रदेश में ना दिखने पर इस कयास पर विराम लग गया था।
ओम लोकसभा अध्यक्ष थे, पद पर फैसला अभी बाकी
कोटा सांसद ओम बिरला मोदी-2 सरकार में लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। अभी उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इस बार लोकसभा अध्यक्ष पद गठबंधन की राजनीति में फंसा है। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष का पद रूलिंग पार्टी के सबसे बड़े दल के लिए अति महत्वपूर्ण होता है, लेकिन टीडीपी के चन्द्रबाबू नायडू की पार्टी के इसकी डिमांड की चर्चा राजनीति हलकों में है। बिरला का फिर से पदासीन होने पर संशय है। मोदी-3 सरकार का लोकसभा का पहला सत्र संभवत: इसी माह शुरू हो सकता है। ऐसे में जून माह में ही पद की तस्वीर साफ हो जाएगी। बिरला रिपीट हुए तो राजस्थान में भाजपा के 11 सीटों के नुकसान के बावजूद प्रतिनिधित्व मोदी-2 सरकार की तरह ही बरकरार रहेगा।
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