सदन में उठा परवन सिंचाई परियोजना के लिए आवंटित भूमि के मुआवजा का मुद्दा
विधायक पानाचंद मेघवाल ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए सरकार से जानना चाहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए किसानों से जमीन माफ करने के बाद भी आज तक उनको मुआवजा नहीं मिला है।
जवाब में जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 23,630 किसानों की 7060.22 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है तथा 260.69 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जानी शेष है।
जयपुर। राज्य विधानसभा में सोमवार को परवन सिंचाई परियोजना के लिए आवंटित भूमि के मुआवजा का मुद्दा उठा। विधायक पानाचंद मेघवाल ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए सरकार से जानना चाहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए किसानों से जमीन माफ करने के बाद भी आज तक उनको मुआवजा नहीं मिला है।
जवाब में जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 23,630 किसानों की 7060.22 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है तथा 260.69 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जानी शेष है। परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 21716 किसानों को राशि 1951.95 करोड का मुआवजा भुगतान किया गया है तथा 1914 किसानों को मुआवजा दिया जाना शेष है । मुआवजे का निर्धारण भूमि अर्जन पुर्नवासन एवं पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अन्तर्गत धारा 11 की अधिसूचना जारी होने की तिथि को प्रभावी डीएलसी दर से मूल्यांकन कर राज्य सरकार के 14 जून 2016 के अनुसार निकटतम शहरी क्षेत्र की सीमा से अवाप्ति के लिए प्रस्तावित भूमि की दूरी के आधार पर देय प्रतिकर पैकेज के निर्धारण के।लिए डीएलसी दर को निर्धारित गुणक से गुणा कर मुआवजा का निर्धारण कर उसमें 100 प्रतिशत सोलेशियम जोडा जाता है एवं डीएलसी दर पर धारा 11 की अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से अवार्ड जारी होने की तिथि तक 12 प्रतिशत दर से ब्याज भी मुआवजा राशि में सम्मिलित किया जाता है । मुआवजा राशि का निर्धारण भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के अनुसार निकटतम शहरी सीमा से दूरी के आधार पर गुणांक की गणना कर भूमि अवाप्ति अधिकारी द्वारा निस्तारण किया गया है ।
विधायक पानाचंद मेघवाल ने अटरू नगरपालिका बनने से किसानों के मुआवजे में अंतर आने का मुद्दा उठाया। स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा मंत्री महेंद्रजीत मालवीय को जनता के भले के लिए नियम बनने चाहिए। एक किसान को एक ही जमीन की अलग-अलग मुआवजा देने की शिकायत हुई।

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