स्वास्थ्य दिवस पर आइए जानें कैसी है हेल्थ सिस्टम की सेहत

प्रदेश में 20 हजार डॉक्टरों का अभाव, 16 हजार सरकारी डॉक्टर 9 करोड़ का कर रहे इलाज

स्वास्थ्य दिवस पर आइए जानें कैसी है हेल्थ सिस्टम की सेहत

अभी कुल 52 हजार डॉक्टर, सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ही सालाना 1.76 करोड़ मरीज

 जयपुर। राजस्थान की वर्तमान आबादी तकरीबन 7.25 करोड़ है। इनके स्वास्थ्य को ठीक रखने का जिम्मा प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मिलाकर करीब 52 हजार डॉक्टरों (राजस्थान मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड) पर है। आदर्श स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अभी भी 20 हजार और डॉक्टरों की जरूरत है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि बेहतर हेल्थ मैनजमेंट को प्रति एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। राजस्थान में 1538 की आबादी पर एक डॉक्टर है। प्रदेश का बड़ा तबका सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर है। हालांकि प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा महकमे में तीन हजार से ज्यादा डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। यदि पूरे पद भी भर दिए जाएं तब भी बड़ी संख्या में और डॉक्टर चाहिए, क्योंकि सरकार के सात मेडिकल कॉलेज और 2863 अस्पतालों में करीब 16 हजार ही डॉक्टर हैं। इन्होंने बीते साल करीब 9 करोड़ बीमार होकर आने वाले लोगों यानी आबादी से 1.75 करोड़ से अधिक लोगों का इलाज किया। आंकड़े चिंता में इसलिए डालते हैं कि गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बने सरकार के सातों मेडिकल कॉलेजों में केवल 3169 ही बड़े डॉक्टर (मेडिकल टीचर्स) हैं। बीते साल इन अस्पतालों में इलाज को 1.76 करोड़ से अधिक मरीज पहुंचे थे। इनमें भी सर्जरी के एक्सपर्ट तकरीबन 10 फीसदी ही हैं, जिन्होंने 4.38 लाख ऑपरेशन कर मरीजों को नई जिंदगी दी।

विश्व स्वास्थ्य दिवस
प्रदेश में अभी 1349 मरीजों पर एक डॉक्टर
5 साल में WHO के मुताबिक होंगे डॉक्टर

सरकार की मुफ्त इलाज और नीरोगी राजस्थान की मुहिम
.  सरकारी अस्पतालों में मरीजों का भार कम करने और प्राइवेट अस्पताल की मुफ्त सेवाओं को चिंरजीवी बीमा से 1.33 करोड़ परिवार बीमित हैं। ये 10 लाख तक का इलाज पर 714 करोड़ रुपए बीमा राशि से हुए।
. सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह फ्री कर दिया गया है। अस्पतालों में इस साल 150 से अधिक जांचें हुई, जिनमें 10 हजार तक की मुफ्त जांचें।
.  अस्पताल में मौजूदा 969 मुफ्त दवाओं के अतिरिक्त बाहर से महंगी दवा आने का खर्चा भी सरकार उठा रही।
. अब तक 30 जिलों में केन्द्र की मदद से 23 मेडिकल कॉलेज मंजूर।
.  डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की जल्द नीति आएगी।
. राइट टू हेल्थ कानून लागू होने जा रहा है।
. कुल बजट का सात फीसदी हेल्थ पर खर्च, एनएचएम के तहत 4358.78 करोड़ रुपए केन्द्र दे रहा।
बीते साल कितने मरीजों का इलाज हुआ
सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों में
.  1,76,42,822 मरीज ओपीडी में
. 1,31,67,576 मरीज भर्ती हुए
.  4,38,915 ऑपरेशन हुए।
8 राजसैम व सोसायटी मेडिकल कॉलेज में 90 लाख मरीज
2863 अस्पताल
. ओपीडी में 6.45 करोड़
. भर्ती हुए 70 लाख

 

824 डॉक्टरों की जल्द भर्ती कर रहे हैं। जिलों में अस्थायी आधार पर डॉक्टर रखने के आदेश हाल ही में दिए हैं। वहीं एक हजार अधिशेष डॉक्टरों को भी जिन जगह डॉक्टर नहीं है, वहां भेजा जा रहा है।  राजमैस के तहत संचालित मेडिकल कॉलेज में मेडिकल टीचर्स की अस्थाई भर्ती की रियायत दी है।  अस्पतालों में पूरी तरह से इलाज फ्री कर दिया गया है। चिरंजीवी से प्राइवेट की भी सेवाएं 1.33 करोड़ परिवार ले सकते हैं। ऐसी योजनाएं लाएं है कि हेल्थ पर जनता की जेब अब ढीली नहीं होगी। - परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री, राजस्थान   

हमारा हेल्थ सिस्टम

इलाज की क्षमता

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16 मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में

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01. सात सरकारी मेडिकल कॉलेज , झालावाड़ में सोसायटी द्वारा संचालित,  7 राजसैम से जिलों में संचालित, 1 अलवर में ईएसआई संचालित

2863 अस्पताल

02. 29 जिला,32 सब डिविजनल, 649सीएचसी, 2153 पीएचसी, (13779 सब सेंटर अलग)

डॉक्टर

03. 12500 चिकित्सा विभाग,  3169 मेडिकल कॉलेज टीचर्स,  805 सीनियर रेजीडेंट्स डॉक्टर

रिक्त पद

04. 633 मेडिकल टीचर्स, 2500 डॉक्टर,  30हजार पैरामेडिकल स्टाफ, 66 हजार नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ, 52 हजार आशा सहयोगिनियां

 नि: शुल्क दवा और जांच
  4 हजार निशुल्क दवा वितरण केंद्र: 8.58 करोड़ मरीजों को दी मुफ्त दवा, 760 करोड़ रुपए खर्च।
  3 हजार से ज्यादा अस्पताल: 4.4 करोड़ जांचे हुई, 100 से ज्यादा मुफ्त जांच,  150.34 करोड़ खर्च।
  अब मंहगी एमआरआई, सीटी स्कैन,  डायलिसिस सहित सभी फ्री होंगे।
  डॉक्टर की जरूरत जल्द पूरी होने की आस, अभी 4200 डॉक्टर बन रहे है, जल्द 7000 तक मिलने लगेंगे।
  3 साल पहले 8 मेडिकल कॉलेज:  जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, झालावाड़ और जयपुर में आरयूएचएस थे, कुल सीटें 1900।
  अब नए 7 नए मेडिकल कॉलेज और शुरू: भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, डूंगरपुर, पाली, बाड़मेर, सीकर कुल सीटें 980।
 

नए प्रस्तावित कॉलेज: 15 को मंजूरी, 2023 तक शुरू होंगे।

तीन जिलों में जंहा और कॉलेज की कवायद: राजसमंद, जालौर, प्रतापगढ़।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

     
   
  
   
  
   
   

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