जयपुर आरटीओ द्वितीय की टीम ने पांच बसों को किया बंद : जैसलमेर घटना के बाद भी नहीं सुधरे हालात, अग्निशमन यंत्र की जगह लगा रखा था एलपीजी सिलेंडर
आरसी निलंबित करने के लिए बस मालिक को नोटिस जारी
जैसलमेर बस हादसे के बाद भी प्रदेश में यात्री वाहनों की यात्रियों की जान जोखिम में डालने की नीयत में सुधार नजर नहीं आ रहा। जैसलमेर हादसे के बाद चेते सरकारी अमले की जांच में ऐसी गंभीर लापरवाही सामने आ रही हैं, जिससे कमाई के लालच में लोगों की जान से खिलवाड़ करने में गुरेज नहीं किया जा रहा। बस संचालकों ने सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अग्निशामक यंत्र की जगह एलपीजी सिलेंडर लगा रखा था।
जयपुर। जैसलमेर बस हादसे के बाद भी प्रदेश में यात्री वाहनों की यात्रियों की जान जोखिम में डालने की नीयत में सुधार नजर नहीं आ रहा। जैसलमेर हादसे के बाद चेते सरकारी अमले की जांच में ऐसी गंभीर लापरवाही सामने आ रही हैं, जिससे कमाई के लालच में लोगों की जान से खिलवाड़ करने में गुरेज नहीं किया जा रहा है। हाल ही में परिवहन मंत्री की मौजूदगी में हुई बसों की जांच में ऐसा मामला सामना आया है, जिसमें बस संचालकों ने सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अग्निशामक यंत्र की जगह एलपीजी सिलेंडर लगा रखा था। इस घटना का खुलासा डिप्टी सीएम एवं परिवहन मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा की मौजूदगी में चौमूं के पास बसों की जांच में हुआ। इस दौरान जयपुर आरटीओ द्वितीय की टीम ने पांच बसों को जब्त किया। जिनमें से एक में भी इमरजेंसी व एक्जिट गेट नही मिला। इन बसों की आरसी निलंबित करने से पहले बस मालिकों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
आग लग जाती तो क्या होता
हाल ही में बैरवा ने सीकर से आते समय चौमंू में रुककर बसों की जांच की थी। मंत्री की जांच के बाद जब विभागीय अफसरों ने बसों की बारीकी से जांच की तो गंभीर लापरवाही सामने आई। अफसरों की टीम ने जब एक बस की डिक्की की जांच की तो उसमें अग्निशामन यंत्र की जगह एक एलपीजी गैस सिलेंडर मिला। इस सिलेंडर से यदि कोई हादसा हो जाता तो जैसलमेर जैसी घटना हो सकती थी। बड़ा सवाल यह है कि यह बस गुजरात से खाटूश्याम जी के लिए आई थी। रास्ते में आधा दर्जन से अधिक आरटीओ-डीटीओ कार्यालय पड़ते है, लेकिन किसी भी इसे जांच नही किया। जबकि मुख्यमंत्री ने ऐसी बसों पर कार्रवाई के निर्देश जारी कर रखे हैं।
किसमें क्या मिला
बस संख्या एमपी-44 जेड डी 9944 में 36 स्लीपर की जगह 48 स्लीपर लगे मिले। इमरजेंसी व एग्जिट गेट नही मिला। वहीं इस बस की डिक्की में एक गैस सिलेंडर भी रखा मिला। बस संख्या एआर-11 एल 1111 30 की जगह 36 स्लीपर लगे मिले। इसमें एग्जिट व इमरजेंसी गेट नही मिला। वहीं तीन अन्य बसों को भी बॉडी कोड का उल्लंघन करने व इमरजेंसी गेट की जगह स्लीपर लगाने पर सीज किया गया।
यात्रियों को भेजा सिंधीकैंप
बस को परिवहन की टीम लेकर चौमूं डीटीओ कार्यालय में पहुंची, जहां यात्रियों ने हंगामा किया। बाद में डीटीओ अनूप सहरिया की समझाइश से मामला शांत हुआ। विभाग ने यात्रियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की। इसके बाद उन्हें रात तीन बजे वैकल्पिक व्यवस्था से जयपुर (सिंधीकैंप) के लिए रवाना किया गया।
चौमूं में परिवहन मंत्री की मौजूदगी में बसों की जांच की गई। इस दौरान एक बस में अग्निशामन यंत्र की जगह गैस सिलेंडर मिला। इस बस में करीब 40 से अधिक सवारियां थी। इस बस सहित पांच बसों को सीज किया गया।
धर्मेन्द्र चौधरी, जयपुर
आरटीओ द्वितीय

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