जेडीए ने हटाया मलबा : पीड़ितों ने बिखरे आशियानों के निशां समेटे : झारखंड मोड़ से दो सौ फीट बाइपास तक 250 से अधिक निर्माण किए थे ध्वस्त
अफसरशाही सरकार पर हावी
पुलिस पर आरोप लगाते हुए परम नवदीप ने कहा कि उनके फोन को चैन स्रेचर की तरह ले उड़े।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना में जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने बुधवार को झारखंड मोड़ से दो सौ फीट बाइपास तक की करीब ढाई किलोमीटर में आने वाले ढाई सौ से अधिक निर्माणों को ध्वस्त करने के बाद गुरुवार को मौके से मलबा हटाने का काम किया। इसके लिए अभियांत्रिकी शाखा ने टीमें गठित कर मलबा मौके से हटाने का काम किया। जेडीए दस्ते ने मास्टर प्लान में 160 फीट रोड सीमा में आ रहे करीब 274 निर्माणों को चिह्नित करने के बाद कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माणों को हटाया था। अब मौके से मलबा हटाने का काम शुक्रवार को भी जारी रहेगा।
मलबा हटाने के बाद जेडीए मौके पर सड़क के निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू करेगा। मलबे हटाने के बाद मौके पर विद्युत लाइनों को भी शिफ्ट करने का काम किया गया। डायरेक्टर इंजिनियरिंग देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि मौके से मलबा हटाने के लिए दो पोकलेन मशीन, दस जेसीबी सहित करीब 20 डम्पर लगाए गए है और करीब तीन सौ डम्पर मौके से मलबा हटा दिया गया है। दिन में यातायात प्रभावित नहीं हो, इसके लिए रात के समय काम में तेजी लाई जाएगी और करीब एक सप्ताह में पूरी तरह से मलबा हटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मौके पर पेयजल, बिजली एवं गैस की लाइनों की शिफ्टिंग के लिए संबंधित विभागों को अवगत करवा दिया गया हैं। लाइनों की शिफ्टिंग के बाद रोड बनाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा।
अफसरशाही सरकार पर हावी: पूर्व विधायक परम
जयपुर विकास प्राधिकरण की झारखंड़ मोड से दो सौ फीट बाईपास तक सड़क की चौड़ाई 160 फीट करने के लिए की गई तोड़फोड़ का प्रभावितों ने विरोध किया है। तोड़फोड़ की कार्रवाई के विरोध में पूर्व विधायक एवं राजपूताना हॉस्पीटल की संचालक डॉ. परम नवदीप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जेडीए के अधिकारियों ने मनमानी तरीके से सालों पुराने निर्माणों को बिना किसी नोटिस के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में तोड़ दिया। जबकि हाईकोर्ट ने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जेडीसी/जेडीए अपने विवेक का इस्तेमाल कर रास्ते को सुगम करे, वहां सड़क की चौडाईकरण का कोई हवाला नहीं है। सरकार के बड़े पदाधिकारी एवं मंत्री आमजन के समर्थन में आए तो कार्रवाई क्यों नहीं रुकी, अर्थात सरकार पर नौकरशाह पूरी तरह से हावी है। जिन लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया, उनमें से 17 लोगों को अवैध हिरासत में लेकर अलग-अलग थानों में बंद कर दिया। जेडीसी ने हाईकोर्ट में 160 फीट सड़क चौडाई के संबंध में शपथ दिया ऐसे मे उन्होंने अपने बिगड़ते कैरियर को बचाने के चलते पांच हजार से अधिक लोगों के पेट पर लात मार दी। पुलिस पर आरोप लगाते हुए परम नवदीप ने कहा कि उनके फोन को चैन स्रेचर की तरह ले उड़े।
तोड़फोड़ के बाद अब जेडीए के अधिकारी सेंटर लाइन बदलने की बात कर रहे है। वर्तमान और पूर्व में लगाए गए निशानों में करीब 15 से 20 फीट का अंतर भी हैं। पूर्व डीजी नवदीप सिंह ने कहा के प्रशासन को आमजन के लिए संवेदनशील होना चाहिए ना कि परेशान करने वाला हो। उन्होंने कहा कि एजेंसियां भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है। जेडीए में हर डेस्क पर कितना भ्रष्टाचार है, इसका भी समय आने पर खुलासा करेंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान खातीपुरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि जेडीए ने बिना नोटिस के तोड़फोड़ कर लोगों के व्यापार उजाड़ दिए, वहीं स्थानीय पार्षद हेमेन्द्र शर्मा ने कहा कि वह लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं।
लोगों ने शुरू की मरम्मत
जेडीए की कार्रवाई के बाद हटाए गए अवैध निर्माणों के बाद अब व्यापारियों एवं आमजन से अपने निर्माणों की फिर से मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया है। इसमें तोड़े गए हिस्से में से जेडीए के साथ ही अपने स्तर पर भी मलबा हटाया गया। मलबा हटाने के बाद दुकानदारों ने शेष हिस्से पर दीवारें भी बनाना शुरू कर दिया।
कचरा बीनने वालों का लगा तांता
कार्रवाई के बाद मौके पर कबाड़ खरीदने के साथ ही कचरा बीनने वाले लोगों का भी तांता लग गया। इसमें व्यापारियों ने छतों के टूटे मलबे से सरिया, गेट सहित अन्य सामान भी कबाड़ खरीदने वालों को बेचना शुरू कर दिया, जिससे जल्द जगह खाली कर दुबारा से मरम्मत का काम शुरू किया जा सके।
इनका कहना है
वर्तमान में बनाया गया डिवाइडर तत्कालीन मौका स्थिति के अनुसार बनाया गया था, अब जो रोड का सेंटर पाइंट निर्धारण किया गया है, वह पीटी सर्वे के बाद किया गया है।
-हेमन्त कुमार, जोन उपायुक्त, जेडीए

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