मुनेश गुर्जर ने तीसरे निलंबन को दी हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा

मुनेश गुर्जर ने तीसरे निलंबन को दी हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

पीड़िता की सहमति हो तो भी यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है। 

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत से जुड़े मामले में हेरिटेज नगर निगम के मेयर पद से मुनेश गुर्जर को निलंबित करने के मामले में राज्य सरकार से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश मुनेश गुर्जर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता को ना तो प्राथमिक जांच से पहले सुनवाई का मौका दिया गया और ना ही निलंबन से पहले जवाब पेश करने का समय दिया गया। राज्य सरकार की यह कार्रवाई प्राकृतिक न्याय कि प्रावधानों के खिलाफ है। याचिकाकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया। जबकि अगले तीन दिनों तक सार्वजनिक अवकाश था और चौथे दिन उसे निलंबित कर दिया गया। इसलिए उसके निलंबन आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया। राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को सर्वप्रथम 5 अगस्त, 2023 को निलंबित किया था। इस निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था। इसके बाद सरकार ने जांच के बाद सितंबर माह में मुनेश को फिर से निलंबित कर दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2023 में रद्द कर दिया था। 

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा
पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त विवेक मिरोठा को बीस साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी हेमराज गौड़ ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है। यदि इसमें पीड़िता की सहमति हो तो भी यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है। 

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 13 जनवरी, 2024 को शिवदासपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि बीती रात उसकी 16 साल की बेटी घर से गायब हो गई है। उसे शक है कि अभियुक्त उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 7 मार्च को पीड़िता को बरामद कर 13 मार्च को अभियुक्त को गिरफ्तार किया। पुलिस जांच में पता चला कि अभियुक्त उसे प्रहलादपुरा ले गया था। जहां दोनों किराए का कमरा लेकर पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह प्रेमपूर्वक साथ रह रहे थे और उसने पीड़िता से दुष्कर्म नहीं किया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।

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