जयपुर, जोधपुर, कोटा-अलवर में बढ़ा प्रदूषण का ग्राफ
डाटा को एनालिसिस कर आगामी दिनों में प्रदूषण का फोरकास्ट जारी करेगा, पर्यावरण मानकों के मुताबिक 300 से अधिक एक्यूआई होने पर वायु गुणवत्ता बहुत कमजोर
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई नवाचार किए जा रहे हैं। खासतौर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस बार इसे 7 दिन का एक उत्सव बना दिया है।
जयपुर। प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसमें सबसे अधिक जयपुर, जोधपुर, कोटा और अलवर में सबसे अधिक प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है। जयपुर, जोधपुर, कोटा और अलवर आदि शहरों को प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने एक अलग श्रेणी में शामिल किया है। इन शहरों के प्रदूषण मानकों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन इन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से भी अधिक पहुंच रहा है। पर्यावरण मानकों के मुताबिक 300 से अधिक एक्यूआई होने पर वायु की गुणवत्ता बहुत कमजोर मानी जाती है।
अब जारी होगी चेतावनी
प्रदूषण नियंत्रण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अब प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी भी करेगा। जिस तरह मौसम विभाग लू, ताप, बारिश या आंधी-तूफान की चेतावनी जारी करता है। पर्यावरण विभाग भी डाटा को एनालिसिस कर आगामी दिनों में प्रदूषण का फोरकास्ट जारी करेगा। यह फोरकास्ट अगले 3 दिन के लिए जारी किया जाएगा। इससे प्रदूषण को लेकर एलर्जी से परेशान लोग संबंधित क्षेत्र में जाने से अपना बचाव कर सकते हैं।
प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए जनजागरूकता की जरूरत
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई नवाचार किए जा रहे हैं। खासतौर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस बार इसे 7 दिन का एक उत्सव बना दिया है। इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से एक तरफ जहां इसके स्टेक होल्डर्स को जागरूक किया जा रहा है। वहीं आमजन को जागरूक करने के लिहाज से कार्यशाला और रैली का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन इसलिए जरूरी लग रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में अब पर्यावरण को वाकई में संरक्षण की जरूरत है, जिस गति से राजस्थान में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसे हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपायों से ही कम किया जा सकता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने अब प्रदूषण के स्तर की पल-पल की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। पिछले 4 साल में प्रदेश के कई शहरों और खासतौर पर औद्योगिक इलाकों में प्रदूषण को मापने के लिए विशेष संयंत्र लगाए हैं।

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