युवाओं को वैदिक संस्कारों से जोड़ने की मुहिम, राजस्थान संस्कृत अकादमी ने शुरू किया अभियान
प्रदेश में वैदिक संस्कार शिविर शुरू किए
भावी पीढ़ी को भारतीय सभ्यता, संस्कृति और वैदिक संस्कार से जोड़ने के लिए राजस्थान संस्कृत अकादमी ने अभियान शुरू किया है।
जयपुर। भावी पीढ़ी को भारतीय सभ्यता, संस्कृति और वैदिक संस्कार से जोड़ने के लिए राजस्थान संस्कृत अकादमी ने अभियान शुरू किया है। अकादमी ने गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्रदेश में वैदिक संस्कार शिविर शुरू किए हैं, जिससे युवा उन शिविरों के माध्यम से वैदिक संस्कृति से साक्षात्कार कर सकें। दरअसल, संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना गया है, ऐसे में भारत के मूल साहित्य संस्कृत भाषा में ही रचित हैं, लेकिन आधुनिकरण के कारण युवा पीढ़ी संस्कारों से दूर हो गई है। ऐसे में भावी पीढ़ी को संस्कृति की जड़ों से जोड़ने के लिए अकादमी ने अभियान पुष्कर से शुरू किया है। पूर्णतया आवासीय शिविर में बालकों को वैदिक संस्कृति से जोड़ने की मुहिम शुरू की गई है। खास बात है कि शिविर में सभी जाति और धर्मों के लोग शामिल हो सकते हैं। शिविर को पूर्णतया नि:शुल्क रखने के साथ ही आवासीय रखा गया है ताकि पूर्णतया वैदिक माहौल में संस्कारों का अर्जन कर सकें।
क्या सिखाया जा रहा है ?
पितृ दोष निवारण, माला को कैसे जपना चाहिए, राशि देखना, पूजन किस तरह किया जाना चाहिए , शिविरार्थियों को संस्कृत का अभ्यास कराना, पंजाग का ज्ञान, घर पर हवन, यज्ञ करना, श्राद्ध का सामान्य ज्ञान, मंत्रों का सही उच्चारण।

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