राजस्थान में तेजी से बढ़ता शहरीकरण : विकास या चुनौती...?, बढ़ती आबादी, गांव-शहर में आधी-आधी

कोटा, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर में शहरी और ग्रामीण आबादी 2050 से पहले हो जाएगी बराबर

राजस्थान में तेजी से बढ़ता शहरीकरण : विकास या चुनौती...?, बढ़ती आबादी, गांव-शहर में आधी-आधी

देश-दुनियां में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, इससे राजस्थान भी अछूता नहीं है। गांवों से आने वाला हर व्यक्ति विकास की चाह और सुविधा के लिए शहरों की ओर बढ़ रहा हैं

जयपुर। देश-दुनियां में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, इससे राजस्थान भी अछूता नहीं है। गांवों से आने वाला हर व्यक्ति विकास की चाह और सुविधा के लिए शहरों की ओर बढ़ रहा हैं। 1961 में राज्य की कुल आबादी में 16.28 प्रतिशत शहरी थी, वो 2021 तक बढ़कर 26.33 प्रतिशत हो गई है। मौटे अनुमान के तौर पर 2050 तक शहरों में रहने वाली आबादी 50 फीसदी होगी। शहरों में बढ़ता दबाव आधारभूत ढांचे को भी खोखला कर रहा है, नगर नियोजन की प्लानिंग के अभाव में शहरों का बेतरतीब विस्तार हो रहा हैं। प्रदेश के कोटा, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर ऐसे शहर हैं, जहां शहरीकरण पिछले तीन दशक में तेजी से बढ़ा है। जबकि जालौर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर और डूंगरपुर सबसे कम शहरीकरण वाले जिले हैं।

माइग्रेशन के मुख्य कारण
जनगणना 2011 में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में पुरूष मुख्यत: रोजगार के अवसरों के लिए और महिलाएं मुख्यत: वैवाहिक कारणों से ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रही हैं। जनगणना 2011 के अनुसार राष्टÑीय स्तर पर 794 लाख व्यक्तियों और राजस्थान में 32 लाख व्यक्तियों ने ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन किया, जो अखिल भारतीय स्तर के ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करने वाले व्यक्तियों का चार प्रतिशत हैं।

राजस्थान में शहरीकरण की वर्तमान स्थिति
वर्ष 2001 में राजस्थान की कुल आबादी 565 लाख थी, जिसमें पुरूष 294 लाख और महिला 271 लाख थी। वर्ष 2031 में संभावित 872 लाख, जिसमें पुरूष 444 लाख और महिलाएं 428 लाख होने का अनुमान हैं। शहरीकरण की प्रवृत्ति राजस्थान में भी राष्टÑीय स्तर के समान बढ़ रही है। भारत की कुल जनसंख्या में शहरी जनसंख्या की हिस्सेदारी वर्ष 1961 में 17.97 से बढ़कर वर्ष 2011 में 31.14 प्रतिशत हो गई। इसी तरह राजस्थान की कुल जनसंख्या में शहरी जनसंख्या की हिस्सेदारी में वृद्धि प्रवृत्ति देखी जा सकती है, जो वर्ष 1961 में 16.28 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2011 में 24.87 प्रतिशत हो गर्इं।

सरकार की भावी योजना
प्रदेश के छोटे-बडेÞ शहरों के सुनियोजित विकास को लेकर मास्टर प्लान, जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किए जा रहे हैं, ताकि उनमें आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत करने की दिशा में पहले ही प्रावधान किया जा सके। 300 से अधिक शहरों मेंं इस दिशा में काम किया जा रहा है, जिन शहरों में मास्टर प्लान की अवधि समाप्त हो गई हैं, उनमें अब तीस साल के लिए प्लान तैयार किए जा रहे हैं। इसके आधार पर भी हर तरह के विकास की योजना को मूर्त रूप देने का खाका तैयार होगा। केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त शहरी विकास की योजनाओं के जरिए भी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा हैं।

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गांवों से पलायन क्यों...
एक्सपर्ट के अनुसार गांवों में रोजगार के अवसर नहीं मिलने, अच्छी शिक्षा पाने के लिए लोग गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की मुख्य आजीविका कृषि और पशुपालन गिरते भू-जल स्तर के कारण धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इससे गांवों में रोजगार के कोई साधन नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र भी गांवों की बजाय शहरों में ही विकसित हो रहे हैं। ऐसे में लोग शहरों की ओर रूख करते हैं और फिर वहीं पर अपना बसेरा भी बनाने लगते हैं।

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शहरीकरण से उत्पन्न प्रमुख समस्याएं
जल संकट: राजस्थान के बडे जिलों में पानी की उपलब्धता पर संकट
परिवहन और ट्रैफिक जाम अव्यवस्थित शहरी परिवहन प्रणाली

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आवास संकट: महंगे घर और बढ़ती स्लम बस्तियां

वायु प्रदूषण: औद्योगीकरण और वाहनों संख्या बढ़ने से समस्या

शहरी अपराध दर में वृद्धि: सामाजिक असमानता और बेरोजगारी का असर
राजस्थान के जिली में शहरी लिंगानुपात की स्थिति

राजस्थान की शहरी जनसंख्या लाख में
वर्ष    महिला    पुरूष    कुल
2001    62    70    132
2011    81    89    170
2021    100    109    209
2031    116    126    242
(अनुमानित)

राजस्थान में सर्वाधिक और न्यूनतम शहरी लिंगानुपात वाले जिले

जिला    लिंगानुपात
टोंक          985
बांसवाड़ा         964
प्रतापगढ़         963
डूंगरपुर         951
राजसमंद         948
जिला         लिंगानुपात
जैसलमेर         807
धौलपुर        864
अलवर          872
गंगानगर         878
भरतपुर        887

नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा से बातचीत...

सवाल-शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, क्या योजना है?
जवाब: मनमर्जी से शहरों का विस्तार नहीं हो, इसके लिए शहरों के प्लान तैयार किए जा रहे हैं।

सवाल-शहरीकरण बढ़ने के क्या कारण है?
जवाब-गांवों में पहले आजीविका के साधन थे, शहरों में नहीं आते थे, अब वो खत्म हो गए।

सवाल-सरकार गांवों में रोजगार की व्यवस्था क्यों नहीं करती?
जवाब- गांवों में जैसे-जैसे कृषि घाटे का सौदा बनी, लोगों ने शहरों की ओर रूख कर लिया।

सवाल-आधारभूत ढ़ांचा कैसे मजबूत करेंगे?
जवाब-शहरों में आवास, पानी, रोजगार के साथ ही सुनियोजित विकास के लिए योजनाएं लागू की जा रही हैं।

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