RCA की एडहॉक कमेटी ने 3 पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ थाने में दर्ज कराया मुकदमा
363 पेज की एक जांच रिपोर्ट भी सौंपी है
कपड़े की फर्म को कंसलटेंसी, सड़क बनाने वाले को कैटरिंग और टेंटेज, रियल एस्टेट कंपनी को सौंप दिया विकेट बनाने का काम
जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में पूर्व कार्यकारिणी के तीन सदस्यों सचिव भवानी सामोता, संयुक्त सचिव राजेश भड़ाना और कोषाध्यक्ष रामपाल शर्मा के खिलाफ ज्योति नगर थाना में केस दर्ज कराया। पुलिस को दी शिकायत में उक्त पदाधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं और करोड़ों रुपए की राशि के गबन के आरोप लगाए हैं। जिन पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, उनमें से एक रामपाल शर्मा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप
पुलिस शिकायत में एडहॉक कमेटी ने बताया है कि बार-बार मांगे जाने के बाद भी आरसीए का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। उन्होंने रिकॉर्ड में हेरा-फेरी करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने और सबूत नष्ट करने के भी आरोप लगाए हैं।
अनुभवहीन फर्मों को दिये ठेके
पदाधिकारियों ने कपड़े का व्यापार करने वाली एक फर्म को बिजनेस कंसलटेंसी के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। यही नहीं भारत-न्यूजीलैंड मैच से पूर्व रिनोवेशन का काम निविदा प्रक्रिया को दरकिनार कर अपनी चहेती कंपनी को सौंप दिया। यह कंपनी सड़क निर्माण का कार्य करती है, जबकि इसे कैटरिंग और टेंटेज का काम सौंप 5 करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया। इसी तरह रियल एस्टेट का काम करने वाली फर्म को विकेट बनाने का जिम्मा सौंप दिया। बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के ही एक फर्म को करोड़ों का भुगतान किया। राजस्थान प्रीमियर लीग पर भी 25 करोड़ से ज्यादा अनावश्यक खर्च का आरोप लगाया है।
पुलिस को सौंपी जांच रिपोर्ट
एडहॉक कमेटी ने पुलिस को शिकायत के साथ 363 पेज की एक जांच रिपोर्ट भी सौंपी है। एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी बताया कि जो दस्तावेज उपलब्ध हुए उनकी वित्तीय विशेषज्ञों से जांच कराई गई। बिहाणी के साथ कमेटी के सदस्य विमल शर्मा, धर्मवीर सिंह और रतन सिंह भी रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे।
रजिस्ट्रार ने भंग कर दी थी कार्यकारिणी
आरसीए की वैभव गहलोत की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी को इसी साल 28 मार्च को रजिस्ट्रार सहकारिता ने भंग कर एडहॉक कमेटी का गठन किया था। रजिस्ट्रार ने कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को अगले छह साल के लिए अयोग्य भी ठहराया है।

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