गुजरात से गोवा और राजस्थान तक फैला तस्करी का जाल : तस्करों का नया रूट भारतमाला, नाइजीरियनों और महिलाओं के नेटवर्क से चल रहा था एमडी रैकेट
हवाला लिंक और तस्कर सुरेश कुमार की सात साल की अदृश्य भूमिका पर उठे बड़े सवाल
भारतमाला की आड़ में चल रहा एमडी तस्करी का काला कारोबार इतना गहराई तक फैला था कि स्थानीय एजेंसियों को भी इसकी भनक तक नहीं लगी।एएनटीएफ आईजी विकास कुमार ने बताया कि भारतमाला मार्ग के जरिए नाइजीरियाई तस्करों और महिलाओं की मदद से बड़े पैमाने पर एमडी ड्रग की तस्करी किए जाने का खुलासा हुआ है।
जयपुर। भारतमाला की आड़ में चल रहा एमडी तस्करी का काला कारोबार इतना गहराई तक फैला था कि स्थानीय एजेंसियों को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। नाइजीरियन गिरोह, महिला कैरियर्स, हवाला चैनल और गुजरात से आने वाले बड़े ग्राहकों के बीच तैयार हुआ यह नेटवर्क कई सालों तक बेखौफ संचालित होता रहा, लेकिन जब इस रैकेट की परतें खुलीं तो सामने आए सवाल उससे भी ज्यादा चौंकाने वाले थे, आखिर वह व्यक्तिजो 7-8 वर्षो से तस्करी में शामिल बताया जा रहा था, कभी पकड़ा क्यों नहीं गया।
हवाला से होता था पेमेंट
एएनटीएफ आईजी विकास कुमार ने बताया कि भारतमाला मार्ग के जरिए नाइजीरियाई तस्करों और महिलाओं की मदद से बड़े पैमाने पर एमडी ड्रग की तस्करी किए जाने का खुलासा हुआ है। तस्करी का पेमेंट हवाला चैनल के माध्यम से होता था, जिससे नेटवर्क को ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता था।
90 प्रतिशत माल गुजरात में होता था सप्लाई
जांच में सामने आया कि एमडी ड्रग्स की 90 प्रतिशत तस्करी गुजरात में होती थी, वहीं बाकी सप्लाई गोवा से लेकर राजस्थान तक फैली हुई थी। इस बड़े रैकेट में गिरफ्तार आरोपी सुरेश कुमार को उसके चाचा ने ही अवैध धंधे में शामिल किया था। उसका चाचा वर्तमान में गोवा की जेल में बंद है। एएनटीएफ टीम ने ने सुरेश तथा गुजरात से आने वाले उसके ग्राहक को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन ग्राहक मौके पर नहीं पहुंच सका, जिसके कारण टीम उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी।
मिली भगत या संयोग
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि तस्करी करने वाला सुरेश कुमार करीब सात-आठ साल से तस्करी में सक्रिय था। इसके बाद भी सुरेश कुमार का नाम कभी किसी रिपोर्ट या मामले में सामने नहीं आया। अब जांच एजेंसी पता लगा रही है कि हवाला के जरिए इतनी बड़ी रकम का लेन-देन कैसे संभव हो पाया। इतनी मात्रा में एमडी की सप्लाई आखिर आती कहां से थी और सुरेश आज तक मिलीभगत से बचता रहा या फिर संयोग से उसका नाम सामने नहीं आया।
यह था मामला
एएनटीएफ की टीम ने एमडी ड्रग्स की सप्लाई करने वाले तस्कर सुरेश कुमार (30) निवासी करड़ा जालौर के कब्जे से करीब 2.5 करोड़ रुपए की 1 किलो 77 ग्राम एमडी व 763 ग्राम स्मैक जब्त की है। सुरेश 10वीं फेल है। हीरों की घिसाई को छोड़कर चाचा बुद्धराम के साथ एमडी, हेरोइन और स्मैक की तस्करी में जुट गया।
तस्कर हवाला के जरिए पेमेंट करते थे, इतनी बड़ी एमडी ड्रग्स कहां से सप्लाई होकर आती थी और आज तक सुरेश क्यों नहीं पकड़ा गया और उसका नाम क्यों सामने नहीं आया, इसकी जांच की जा रही है।
विकास कुमार, आईजी एएनटीएफ

Comment List