मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में विभागीय अव्यवस्था की मार झेल रहे हैं छात्र : जूली

कई छात्र पहले ही अपने पसंदीदा कोचिंग संस्थान में प्रवेश ले चुके थे

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में विभागीय अव्यवस्था की मार झेल रहे हैं छात्र : जूली

न्होंने विभागीय प्रक्रियाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों का इस योजना के अन्तर्गत चयन तो हो गया है

जयपुर। राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में विभागीय प्रक्रियाओं की त्रुटियों एवं गैर-पारदर्शी आवंटन प्रणाली के कारण योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे छात्रों की पीड़ा को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसमें सुधार करने की मांग की है। उन्होंने विभागीय प्रक्रियाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों का इस योजना के अन्तर्गत चयन तो हो गया है, लेकिन त्रुटिपूर्ण विभागीय प्रक्रियाओं के कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जूली ने बताया कि पिछले वर्षों में छात्र अपनी सुविधा के अनुसार कोचिंग संस्था का चयन कर सकते थे, जिससे सफलता की संभावना बनी रहती थी, लेकिन इस वर्ष छात्रों से कोचिंग संस्थानों के प्राथमिकता क्रम भरवाये जाने के बाद विभाग द्वारा मनमाने तरीके से संस्थान आवंटित किए जाने तथा संस्थान की दूरस्थ शाखा में भेजे जाने के कारण विद्यार्थियों के लिये आवासीय, सामाजिक, आर्थिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। विभागीय शिथिलता और जटिलता के कारण आवेदन से लेकर कोचिंग संस्थान आवंटित किए जाने तक की प्रक्रिया में महीनों का समय लग जाने के कारण छात्रों का शैक्षणिक वर्ष व्यर्थ हो गया है। कई छात्र पहले ही अपने पसंदीदा कोचिंग संस्थान में प्रवेश ले चुके थे। अब योजना का लाभ लेने के लिये उन्हें कोचिंग संस्थानों को छोड़ना पड़ा है, जिससे उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान हुआ। विभागीय प्रक्रियाओं में त्रुटि और जटिलताओं के कारण लगभग 6-7 हजार विद्यार्थी इस योजना में चयनित होने के बावजूद योजना से लाभान्वित होने से वंचित रह गए। उन्होंने बताया कि अधिकांश छात्रों के वंचित रहने का कारण विभाग द्वारा छात्रों को जबरन अन्यत्र जिलों का आवंटन किया जाना रहा है। जूली ने मांग की है कि सरकार योजना से वंचित रहे छात्रों को दुबारा अवसर प्रदान करे और एस ओ पी में छात्रहित को प्राथमिकता दी जाए। छात्रहित में ऐसी योजनाओं में पारदर्शिता और लचीलापन सुनिश्चित हो।

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