गुलाबी नगरी आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद हवामहल-आमेर : बारिश से सुहाने हुए मौसम के बाद बढ़ी सैलानियों की तादाद
1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक 24.52 लाख पर्यटक भ्रमण के लिए आए
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर्यटन सीजन में पर्यटकों की संख्या में अधिक इजाफा होने की संभावना है।
जयपुर। बारिश के बाद सुहाने हुए मौसम के चलते शहर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ने लगी है। पुरातत्व एवं संग्रहालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक विभाग के जयपुर में संरक्षित स्मारक आमेर महल, हवामहल स्मारक, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जंतर-मंतर स्मारक, नाहरगढ़ दुर्ग, ईसरलाट, सिसोदिया बाग, विद्याधर बाग और गांधी वाटिका में एक अप्रेल से 31 अगस्त इन पांच माह के दौरान 24 लाख 52 हजार 879 पर्यटक भ्रमण के लिए आए। इनसे पुरातत्व विभाग को पांच माह में 16 करोड़ 19 लाख 89 हजार 470 रुपए राजस्व मिला।
पहले पायदान पर हवामहल और दूसरे पर आमेर महल
पुरातत्व विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक अप्रेल से अगस्त माह के दौरान हवामहल महल स्मारक में सबसे अधिक पर्यटकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यहां 6 लाख 33 हजार 381 पर्यटक आए। वहीं दूसरी ओर आमेर महल में 6 लाख 28 हजार 578 पर्यटकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जंतर-मंतर स्मारक में 3,72,709, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में 3,61,125, नाहरगढ़ दुर्ग में 4,12,989, ईसरलाट में 19,463, सिसोदिया बाग में 18,092, विद्याधर बाग में 5,808 और गांधी वाटिका में 734 पर्यटक आए।
अगस्त, 2024 की अपेक्षा अगस्त 2025 में भी बढ़े
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधिकारियों से मिले आंकड़ों के मुताबिक शहर के हवामहल स्मारक, आमेर महल सहित अन्य स्मारकों में अगस्त, 2024 की अपेक्षा अगस्त, 2025 में भी पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। इस दौरान 1 लाख 61 हजार 643 पर्यटक बढे़ हैं।
अक्टूबर से पर्यटन सीजन
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर्यटन सीजन में पर्यटकों की संख्या में अधिक इजाफा होने की संभावना है। इससे शहर में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए कार्य करने की जरूरत है। क्योंकि अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है।
पर्यटन स्थलों में पिछले साल अगस्त की अपेक्षा इस साल अगस्त में संख्या बढ़ी है। अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू होगा, तो इसे लेकर आवश्यक तैयारियां की जा रही है।
-डॉ. पंकज धरेन्द्र, निदेशक,
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग

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