हाईकोर्ट ने पूछा जांच अधिकारी आकर बताएं, समरावता कांड में जांच लंबित क्यों
कुछ आरोपियों के खिलाफ पूर्व में आरोप पत्र पेश किया जा चुका
अदालत ने जांच अधिकारी को 21 मार्च को केस डायरी सहित पेश होकर बताने को कहा है कि उन्होंने इस केस में बाकी आरोपियों के खिलाफ अनुसंधान लंबित क्यों रखा हुआ है।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर 13 नवंबर 2024 को हुए उप चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद समरावता में ग्रामीणों के खिलाफ हुई कार्रवाई की सीबीआई जांच की गुहार के लिए दायर याचिका में जांच अधिकारी को तलब किया है। अदालत ने जांच अधिकारी को 21 मार्च को केस डायरी सहित पेश होकर बताने को कहा है कि उन्होंने इस केस में बाकी आरोपियों के खिलाफ अनुसंधान लंबित क्यों रखा हुआ है। जस्टिस वीके भारवानी यह आदेश दिलखुश मीणा सहित 21 ग्रामीणों की याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से से अदालत को बताया गया कि कुछ आरोपियों के खिलाफ पूर्व में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है, जबकि बाकी अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित है। इस पर अदालत ने जांच अधिकारी को हाजिर होकर इस संबंध में जानकारी पेश करने को कहा है। याचिका में अधिवक्ता राजेश गोस्वामी अदालत को बताया कि इस मामले में चार एफआईआर दर्ज हो चुकी है और ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। ग्रामीणों ने उप चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था और वे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे। इस दौरान ही उन पर स्थानीय प्रशासनिक अफसरों व पुलिस अफसरों ने दबाव वाब बनाया और उन्हें धमकी दी। इसके साथ ही निर्दोष ग्रामीणों पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने अत्याचार किया।
वहीं मामले में कार्रवाई की बजाय पुलिस से उनके खिलाफ ही झूठी एफआईआर दर्ज करवा ली। इसलिए मामले की जांच हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई से कराई जाए।
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