वन्यजीव गणना के आंकड़े सामने आए : केवलादेव उद्यान में शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या अधिक
विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संख्या भी सामने आई
डीसीएफ मानस सिंह ने बताया कि वाटर होल पद्धति से हुई वन्यजीव गणना में यहां सियार, जरख, जंगली बिल्ली सहित अन्य मांसाहारी वन्यजीवों की संख्या 529 दर्ज की गई।
जयपुर। वन विभाग की ओर से पिछले दिनों प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों में वाटर होल पद्धति से वन्यजीव गणना कराई गई थी। इसी तरह भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में इस गणना के आंकड़े सामने आए हैं। पता लगा है कि यहां मांसाहारी वन्यजीवों की अपेक्षा शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है। वहीं इस गणना में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संख्या भी सामने आई है।
डीसीएफ मानस सिंह ने बताया कि वाटर होल पद्धति से हुई वन्यजीव गणना में यहां सियार, जरख, जंगली बिल्ली सहित अन्य मांसाहारी वन्यजीवों की संख्या 529 दर्ज की गई। वहीं पक्षियों की संख्या पर नजर डालें तो केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सारस, इंडियन लॉन्ग बिल्ड वल्चर, इजिप्शयन वल्चर, मोर सहित अन्य पक्षियों को मिलाकर कुल संख्या 459 सामने आई है। इसके साथ ही चीतल, सांभर, काला हरिण, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंघा, जंगली सुअर सहित अन्य शााकाहारी वन्यजीवों की संख्या 3,411 है।
मांसाहारी में सबसे अधिक सियार
यहां वाटर होल पद्धति से हुई वन्यजीव गणना में सियार (जैकाल) की संख्या सबसे ज्यादा रही। यहां इस दौरान 468 नर और मादा सियार गिनती में आए। वहीं 17 जरख, 18 जंगली बिल्ली सहित अन्य मासाहारी वन्यजीव शामिल हैं।
शाकाहारी जीवों में चीतलों की संख्या सबसे ज्यादा
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हुई वन्यजीव गणना में चीतलों की संख्या 2516 दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त सांभर 20, काला हरिण दो, नीलगाय 588, जंगली सुअर 241, सेही 39 सहित अन्य शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या शामिल है।
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