तंबाकू सेवन देश की सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या, इसे रोकना बेहद जरूरी : विशेषज्ञ 

15 लाख से अधिक मौत हो रही 

तंबाकू सेवन देश की सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या, इसे रोकना बेहद जरूरी : विशेषज्ञ 

राजस्थान तंबाकू मुक्त एलायंस की ओर से राज्य स्तरीय मीडिया आमुखीकरण कार्यशाला का एमआई रोड स्थित एक होटल में आयोजन किया गया।

जयपुर। राजस्थान तंबाकू मुक्त एलायंस की ओर से राज्य स्तरीय मीडिया आमुखीकरण कार्यशाला का एमआई रोड स्थित एक होटल में आयोजन किया गया। इस अवसर पर एलायंस के पदाधिकारी डॉ. रमेश गांधी, धरमवीर कटेवा, राजन चौधरी, डॉ. राकेश गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी कि तम्बाकू सेवन देश की सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। हर साल भारत में तम्बाकू सेवन से होने वाले रोगों से 15 लाख से अधिक मौत हो रही है। यह देश की उत्पादकता और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक रोगों और मौतों को पूर्णतया बहुत आसानी से रोका जा सकता है। वर्तमान में तम्बाकू का सेवन पूरे विश्व के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसका कारोबार और उपभोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। तम्बाकू उद्योग तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर विशेष रूप से बच्चों और युवाओं को अपने उत्पादों के प्रति आकर्षित करता है। इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि तंबाकू पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लगाया जाए, तंबाकू मुक्त पीढी को लेकर सरकार नीति बनाए, वेंडर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को अपनाया जाए। इससे काफी हद तक तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाई जा सकती है। 

ये जानकारी भी आई सामने :

विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा सम्पन्न वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के दूसरे चरण (गेट्स 2, 2016-2017) के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ तम्बाकू उपभोगकर्ता हैं, उनमें से लगभग 17 करोड मूलतः चबाने वाली तम्बाकू खाते हैं। लगभग 10 करोड़ धूम्रपान करने वालों में 3.2 करोड़ वे वयस्क भी हैं, जो कि धूम्रपान के साथ चबाने वाली तम्बाकू का भी सेवन करते हैं। हर वर्ष 15 लाख से अधिक लोग तम्बाकू के उपभोग और लगभग एक लाख से हैड स्मोक को सूंघने से उत्पन्न रोगों से मर जाते हैं।
क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है। यह 1.2 करोड़ तम्बाकू उपभोक्ताओं का घर भी है। इनमें से अधिकांश तम्बाकू उपभोगी या तो बीड़ी पीते हैं या फिर तम्बाकू चबाते हैं। इन दोनों प्रकार के उपभोक्ताओं की संख्या समान ही है जो लगभग 60 लाख है। इन्हीं में से लगभग 12 लाख धूम्रपान करने के साथ तम्बाकू भी चबाते हैं। वर्तमान में राजस्थान में लगभग 200 मृत्यु प्रतिदिन तथा 80,000 मृत्यु प्रतिवर्ष तम्बाकू सेवन के कारण होती हैं। पूरे संसार में तम्बाकू उपभोग अधिकांशतः सिगरेट के रूप किया जाता है। भारत में इसके उपभोग में बीडी, हुक्का, गुल, गुडाकू, जन कियाम, खैनी, गुटखा आदि के रूप में किया जाता है। तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाए, यह शरीर के लिए हानिकारक ही है।

 

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