जल संसाधन विभाग ने निविदा प्रावधानों में किया संशोधन, 4 करोड़ तक के कार्यों में अनावश्यक आपूर्ति पर लगेगी रोक
पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा
जल संसाधन विभाग ने निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और वास्तविक कार्यों की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं
जयपुर। जल संसाधन विभाग ने निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और वास्तविक कार्यों की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 4 करोड़ तक की निविदाओं में वाहन, पी.ओ.एल., ड्राइवर, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि जैसे कार्य से असंबंधित प्रावधान केवल अतिआवश्यक स्थिति में ही शामिल किए जा सकेंगे।
विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव भुवन भास्कर की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि ऐसे प्रावधान निविदा दरों को प्रभावित कर सकते हैं और वास्तविक निर्माण या कार्य निष्पादन से इनका कोई सीधा संबंध नहीं होता। इसलिए अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि यदि इन प्रावधानों को शामिल करना जरूरी हो, तो इसके लिए संबंधित संभागीय मुख्य अभियंता या अतिरिक्त मुख्य अभियंता से पूर्वानुमति लेना आवश्यक होगा। यह कदम विभागीय कार्यों में व्यय की दक्षता बढ़ाने, भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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