दुर्दशा की शिकार चन्द्रभागा, जलीय जन्तु पर संकट
चन्द्रभागा नदी घाट पर लगे गंदगी के ढेर, जिम्मेंदार नहीं दे रहे ध्यान
चंद्रभागा नदी पर नियमित रूप से आने वाले लोग बताते हैं कि नदी के प्रदूषित होने का मुख्य कारण सीवरेज का पानी और गंदे नाले हैं।
झालावाड़। झालावाड़ जिले के झालरापाटन स्थित प्राचीन चंद्रमोलेश्वर मंदिर के किनारे बने हाडौती की गंगा कही जाने वाली चंद्रभागा नदी के घाट इन दोनों भयंकर सड़ांध मार रहे हैं। घाट ही नहीं बल्कि पूरे परिसर में कुछ मिनट ठहर पाना भी दुबार हो रहा है। पास जाकर देखते हैं तो पता चलता है की नदी में हजारों की तादात में मछलियां मरी हुई पड़ी है। नदी भयंकर रूप से प्रदूषित हो गई है जिसके चलते जलीय जीव जंतु दम तोड़ रहे हैं और सड़ रहे हैं।लगभग 2 महीने पहले नवज्योति टीम ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, जब नदी के प्रदूषित होने की संभावना व्यक्त करते हुए प्रशासन को चेताया गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। झालरापाटन नगर पालिका चैन की नींद सोती रही। ऐसे में हाडौती की गंगा कही जाने वाली चंद्रभागा नदी अब ऐसे हालातो में पहुंच गई है कि इसमें स्नान करना तो दूर की बात इसके किनारे खड़े रहना भी दूभर हो रहा है। चंद्रभागा नदी लोगों की आस्था का केंद्र है तथा कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। नदी के किनारों को साबरमती के घाटों की तर्ज पर विकसित किया गया है ताकि स्नान करने वाले लोगों को सुविधा मिल सके और खूबसूरती भी बड़े। लेकिन झालरापाटन नगर पालिका के लचर रवैया के चलते यह नदी प्रदूषण की भेंट चढ़ गई है। चंद्रभागा नदी में वैसे भी लगातार स्नान करने वाले लोग आते हैं। झालरापाटन धार्मिक और पौराणिक नगरी है ऐसे में यहां वर्ष पर धार्मिक कार्यक्रम और अनुष्ठान चलते रहते है। बाहर से आने वाले लोग यहां चंद्रभागा में डुबकी लगाने जरूर पहुंचते हैं। लेकिन इन दिनों यहां पहुंचने वाले लोगों को गंभीर निराशा हाथ लग रही है। लोग बताते हैं कि उनके द्वारा नगर पालिका को कई बार शिकायत की गई है लेकिन नगर पालिका ने ध्यान नहीं दिया। अब जबकि हालात काबू से बाहर हो गए हैं तब नगर पालिका द्वारा सफाई कर्मचारियों को लगा कर्मचारियों की मरी हुई मछलियों को निकलवाया जा रहा है। चंद्रभागा नदी पर नियमित रूप से आने वाले लोग बताते हैं कि नदी के प्रदूषित होने का मुख्य कारण सीवरेज का पानी और गंदे नाले हैं। वही नगर पालिका ने नदी के उद्गम स्थल के पास एक अवैध डंपिंग यार्ड बना रखा है, जिसकी गंदगी भी नदी में पहुंचती है और नदी को लगातार दूषित कर रही है।
चंद्रभागा नदी को मोक्षदायनी के नाम से जाना जाता है लेकिन यहां पर हालात ऐसे हो रहे हैं कि जीवित आदमी ही मर जाए। शिकायत करने के बाद भी समाधान नहीं हो रहा है। चारों तरफ गंदगी और बदबू फैली है हजारों मछलियां मर चुकी हैं।
- नरेंद्र स्थानीय, निवासी
चंद्रभागा का शिव पुराण में भी जिक्र है, इसको बेहद पवित्र नदी माना जाता है, लेकिन प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के बाद भी इसमें गंदा पानी बंद नहीं करवाया गया, जिसके चलते नदी दूषित हो चुकी है और हजारों मछलियां मर गई।
- गोविंद गिरी, संत
नदी में गंदे नाले मिल रहे हैं जिनकी शिकायत कई बार की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, इसीलिए नदी में प्रदूषण बहुत बढ़ गया और हजारों मछलियां मर रही है, जिसके चलते पूरे इलाके में बदबू फैली है।
- कुंदन, श्रद्धालु
नदी से मरी हुई मछलियों को बाहर निकलवाया जा रहा है तथा नदी की सफाई का अभियान भी शुरू कर नदी को साफ किया जाएगा। जो मछलियां पानी में मौजूद है उनको बचाने के लिए केमिकल इत्यादि इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आरयूआईडीपी के अधिकारियों के साथ बैठक करके सीवरेज के पानी को चंद्रभागा नदी में गिरने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
-पुखराज नगर पालिका झालरापाटन अधिशासी अधिकारी
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