असर खबर का - फील्ड में जाएं अधिकारी, गिवअप अभियान को दें गति
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
कोटा में अभियान को और गति देते हुए 31 अगस्त तक अपात्र लोगों के खाद्य सब्सिडी छोड़ने का आंकड़ा 6 प्रतिशत से अधिक तक ले जाने के निर्देश दिए।
कोटा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने माना कि कोटा में गिव-अप अभियान की रफ्तार धीमी है। कोटा में नए नाम काफी जुड़े हैं, उस पर ज्यादा फोकस दिया गया है। उन्होंने कोटा में अभियान को और गति देते हुए 31 अगस्त तक अपात्र लोगों के खाद्य सब्सिडी छोड़ने का आंकड़ा 6 प्रतिशत से अधिक तक ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लगातार फील्ड विजिट कर गिव-अप अभियान को गति दें एवं सक्षम लोगों को खाद्य सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सक्षम लोग गिव-अप करेंगे तो पात्र एवं वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने में आसानी रहेगी। उन्होंने कहा कि स्वयं पहल कर खाद्य सब्सिडी नहीं छोड़ने वाले सक्षम लाभार्थियों के विरुद्ध 31 अगस्त के बाद आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
अधिकारी सक्रिय होकर अपात्रों की बढ़ाएं संख्या
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बुधवार शाम को मीडिया से वार्ता में कहा कि राशन वितरण में अनियमिता बरतने वाले राशन डीलरों के विरूद्ध अब प्रभावाी कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बंध में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सम्बंधित डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर एवं जिला रसद अधिकारियों को और अधिक सक्रिय होकर जिले में गिव-अप अभियान के तहत खाद्य सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या दुगुनी करने को कहा। उन्होंने प्रवर्तन अधिकारियों प्रवर्तन निरीक्षकों को 31 अगस्त तक अधिक से अधिक लोगों को खाद्य सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित करने का टारगेट दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ इस कार्य में जुटें ताकि अपात्र लोगों को हटाकर अधिक से अधिक से पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ दिया सके।
डीलरों को टाइम पर दिया कमीशन
खाद्य मंत्री गोदारा ने बताया कि प्रदेश के सभी राशन डीलरों को 31 मई तक के कमीशन का भुगतान कर दिया गया है। यह पहली बार हुआ है कि राशन डीलर का कोई भुगतान बकाया नहीं है। राजस्थान की भाजपा सरकार सभी का ध्यान रख रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में विभागीय बैठकें शुरू की है। आज कोटा में बैठक ली है। गुरुवार को झालावाड़ और बारां में बैठक होगी। वहां पर भी गिवअप अभियान और विभाग की अन्य योजनाओंं के बारे में चर्चा की जाएगी। 21 लाख लोगों के खाद्य सुरक्षा योजना छोड़ने से सरकार को 367 करोड़ के राजस्व की बचत हो रही है। अब विभागीय अधिकारियों को गिव अप अभियान को गति देने के निर्देश दिए गए हैं।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
कोटा में गिवअप अभियान की धीमी गति के सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 1 जून को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाने के लिए सरकार की ओर से काफी मशक्कत की जा रही है। इसके लिए गिव अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान अभी तक सरेंडर करने वाले अपात्रों की संख्या अनुमान से कम ही है। ऐसे में इस अभियान की अंतिम तारीख भी लगातार बढ़ाई जा रही है। कोटा सहित पूरे प्रदेश में पिछले साल नवंबर माह में यह अभियान शुरू किया गया था। पूर्व में एक माह का समय तय किया गया था, लेकिन अपात्रों के सामने आने के कारण इसकी तिथि बढ़ानी पड़ी। अब तो हर माह अभियान की तारीख बढ़ाई जा रही है। पहले इसकी अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित की गई थी। अब सरकार ने अभियान की तिथि 30 जून तक के लिए बढ़ा दी है।
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