15 हजार स्कूली बेटियां पैदल कर रही सफर
दो साल से छात्राओं को नहीं मिली साइकिलें
बेटियों को कब तक साइकिलों का वितरण किया जाएगा, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है।
कोटा। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना खानापूर्ति बनकर रह गई। पिछले दो सालों से कोटा जिले की 15 हजार से ज्यादा बेटियों को पैदल ही स्कूल आना जाना पड़ रहा है। कोरोनाकाल के बाद से ही योजना की क्रियांविति डगमगा गई। ऐसे में उन्हें साइकिलें नहीं मिलने से पैदल ही स्कूल आना-जाना पड़ रहा है।
15,599 बालिकाओं को साइकिल का इंतजार
जिले के राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 व 2022-23 की कक्षा 9वीं की छात्राओं को अब तक साइकिलें नहीं मिल पाई। गत दो साल में करीब 15 हजार 599 बालिकाएं नि:शुल्क साइकिल से वंंचित रह गई। ऐसे में उन्हें घर से स्कूल आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि बेटियों को कब तक साइकिलों का वितरण किया जाएगा, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है।
विभाग को नहीं पता कब मिलेगी साइकिलें
शैक्षणिक सत्र शुरू हुए करीब दो माह बीत गए, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई विभागीय कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे में दूर-दराज से स्कूल आने वाली बेटियों को पैदल ही आना-जाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से कई छात्राओं को विद्यालय पहुंचने में देरी हो जाती है। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी छात्राओं को साइकिलों का वितरण कब किया जाएगा, इसकी जानकारी तक नहीं दे सके। हालांकि, विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना काल के पहले सत्र में बालिकाओं को साइकिलें नहीं मिली थी लेकिन दूसरे सत्र में साइकिलें वितरित की गई थी।
यह था साइकिल वितरण का उद्देश्य
साइकिल वितरण योजना की शुरूआत वर्ष 2007-08 में हुई थी। योजना के तहत 8वीं पास कर 9वीं कक्षा में प्रवेश पाने वाली बालिकाओं को सरकार की ओर से नि:शुल्क साइकिलें वितरित की जाती है। इसका उद्देश्य स्कूल और घर की दूरी अधिक होने के चलते बालिकाएं समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसी बालिकाओं को सुगम आवागमन के लिए साइकिल उपलब्ध कराई जाती है।
साइकिल मिले तो समय पर पहुंचे स्कूल और घर
कक्षा 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा ज्योति का कहना है वह विद्यालय से करीब 2 किलोमीटर दूर संजय नगर ब्लॉक बी में रहतीं हैं और विज्ञान नगर स्थित गर्ल्स स्कूल में पढ़ती हैं। जब मैं आठवीं में थी तब इस बात की खुशी थी कि 9वीं क्लास में जाएंगे तो साइकिल मिलेगी और साइकिल से स्कूल जाया करेंगे लेकिन सत्र खत्म होने को है अभी तक कुछ भी नहीं मिला। साइकिल मिलेगी या नहीं कुछ नहीं कह सकते। इधर, लता, रानू, अरुणा, महिमा कुश्वाह ने बताया कि वे करीब चार सौ मीटर दूर से प्रतिदिन पैदल ही विद्यालय आते हैं। जिसकी वहज से समय पर नहीं पहुंच पाते। साइकिल मिल जाए तो समय पर विद्यालय व घर पहुंच सकते हैं।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से कक्षा 9वीं की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिलें दी जाती है। जल्द ही सभी पात्र बालिकाओं को साइकिलों का वितरण किया जाएगा।
-प्रदीप चौधरी, मुख्य जिला शिक्षाधिकारी कोटा
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