असर खबर का - निगम ने विसर्जन के दौरान ही बनाया भीतरिया कुंड में वैकल्पिक पौंड

नवज्योति की खबर के बाद चेता प्रशासन, नदी के घाट पर बड़ा तिरपाल लगाकर करवाया मूर्ति विसर्जन

असर खबर का - निगम ने विसर्जन के दौरान ही बनाया भीतरिया कुंड में वैकल्पिक पौंड

निगम की ओर से वैकल्पिक पौंड बनाने के बाद पीओपी की अधिकतर मूर्तियों का विसर्जन उसी पौंड में करवाया गया।

कोटा । दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशन के बाद आनन फानन में नगर निगम कोटा दक्षिण की ओर से अनंत चतुर्दशी के दिन मंगलवार को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान ही भीतरिया कुंड में नदी के घाट पर बड़ा तिरपाल लगाकर वैकल्पिक पौंड बनाया ।  हालांकि भीतरिया कुंड में सुबह जल्दी ही मूर्तियों का विसर्जन शुरु हो गया था। लेकिन निगम की ओर से सुबह 11 बजे बाद यह व्यवस्था की गई है। उस समय तक काफी संख्या में मिट्टी से अधिक प्लास्टर आॅफ पेरिस की मूर्तियां नदी में विसर्जित की जा चुकी थी। निगम की ओर से वैकल्पिक पौंड बनाने के बाद पीओपी की अधिकतर मूर्तियों का विसर्जन उसी पौंड में करवाया गया। जिससे उन्हें नदी में जाने से रोका गया। 

नवज्योति ने प्रकाशित किया था मामला
अनंत चतुर्दशी पर भीतरिया कुंड में नगर निगम की ओर से इस बार वैकल्पिक पौंड नहीं बनाने का मामला दैनिक नवज्योति ने प्रकाशित किया था। दैनिक नवज्योति में 17 सितम्बर के अंक में पेज 5 पर‘ भीतरिया कुंड में नहीं बनाया वैकल्पिक पौंड’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि पिछले साल यहां हम लोग संस्था की ओर से वैकल्पिक पौंड बनाया गया था।  लेकिन इस बार उन्होंने चार महीने पहले ही नगर निगम आयुक्त को और करीब एक महीने पहले जिला कलक्टर को यह व्यवस्था करने संबंधी ज्ञापन दिया था। उसके बाद भी व्यवस्था नहीं की गई थी।  समाचार प्रकाशित होने के बाद इस मामले को जिला कलक्टर ने गम्भीरता से लिया। उन्होंने एसडीएम गजेन्द्र सिंह को व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए। सिंह ने नगर निगम कोटा दक्षिण के एक्सईएन निर्माण ए.क्यू कुरैशी से वैकल्पिक पौंड बनाने व घाट पर टूटी रैलिंग को सही करवाने की कार्यवाही करने को कहा। निगम के एक्सईएन कुरैशी ने बताया कि अधिकारियों का आदेश मिलते ही निगम के स्तर पर बड़े तिरपाल की व्यवस्था की गई। हालांकि सुबह 7 बजे आदेश मिला था। व्यवस्था करने में समय लगने से सुबह 11 बजे करीब भीतरिया कुंड के थाट पर बड़ा तिरपाल लगाकर मूर्ति विसर्जन के लिए वैकल्पिक कुंड बनाया  गया था। जिससे उसके बाद गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन उस वैकल्पिक पौंड में ही किया जा सका। कुरैशी ने बताया कि घाट की टूटी लोहे की रैलिंग को नदी का पानी कम होने के बाद सही कराया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में कलक्टर को भी अवगत करवा दिया है। 

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