कोटा दक्षिण वार्ड 32 : बदहाल सड़क, पानी की समस्या, सूअरों का आंतक
मात्र एक घंटा जलापूर्ति
बोम्बे योजना में जगह-जगह सड़कें खुर्द-बुर्द व जर्जर पड़ी हैं। वहीं रोङ लाइटें दिन में भी जल रही है,पर रात को गुल हो जाती हैं। जिससे बस्ती में घोर अन्धेरा कायम हो जाता हैं। ऐसा भी नहीं कि हमेशा ही नहीं जलती हों जलती हैं तो लगातार रोशनी बनी रहती हैं व जाती है तो हफ्तों बस्ती में अन्धेरा कायम हो जाता है।
कोटा। विनोबा भावे नगर, अजय आहूजा नगर, बोम्बे योजना सहित समस्त क्षेत्र के बाशिंदे बदहाल सड़क,पानी की समस्या व आवारा सुअरों के विचरण को लेकर परेशानीं के शिकार हैं। वार्डवासियों ने बताया कि अजय आहुजा नगर में बस्ती वालों के लिए पार्क तो जरूर बना है,पर इसमें चारों ओर पौधे सूख रहे हैं। पार्क में बस्ती के बच्चों सहित अन्य के मनोरंजन के लिए झूले, फिसल पट्टी सहित अन्य सामान टूटे पड़े हैं। दूसरा मोहल्लें में आवारा सुअरों के विचरण से भी आमजन परेशान हैं। इसको लेकर कई बार मोहल्लें के लोगों ने सम्बन्धित को शिकायत भी की पर अभी तक इसका कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। जलदाय कर्मियों से परेशानी है। मात्र एक घंटा जलापूर्ति की जा रही है । वो भी सवेर े5बजे । इससे कई बार सर्दी का मौसम होने से लोग पानी भरने से रह जाते हंै व पूरे दिन पेयजल किल्लत से जुझना पड़ता है। कई बार तो पार्क में बनी टंकी से पानी लाकर पानी की पूर्ति की जाती है। बोम्बें योजना में बस्ती वाले टूटी सड़कें ,सुअरो के विचरण,श्वानों के विचरण व रोड़ लाइटों को लेकर परेशान हैं। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि पुरी बोम्बे योजना में जगह-जगह सड़कें खुर्द-बुर्द व जर्जर पड़ी हैं। वहीं रोङ लाइटें दिन में भी जल रही है,पर रात को गुल हो जाती हैं। जिससे बस्ती में घोर अन्धेरा कायम हो जाता हैं। ऐसा भी नहीं कि हमेशा ही नहीं जलती हों जलती हैं तो लगातार रोशनी बनी रहती हैं व जाती है तो हफ्तों बस्ती में अन्धेरा कायम हो जाता है।
उङिया बस्ती के लोगों ने कहा कि हमारे मोहल्लें की सड़कें जर्जर व बदहाल हैं । लम्बे समय से इनका नवनीकरण न होने से सङकें जगह-जगह से बिखरी पङी हैं। इससे आए दिन एक ना एक दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल होना निश्चित हैं। वहीं सफाई कर्मी व कचरा गाड़ी तो नियमित आ रही है परन्तु सीवरेज पाइप डले होने से गंदगी से चौक इन पाइपों में मलबा सड़ांध मारता है। बस्ती में बदबू का आलम बना रहता हैं। मच्छरों के चलते बस्ती वालों का जीना मुहाल हो रखा हैं। वहीं बारिश में तो बस्ती के हालात इतने बिगड़ जाते हंै कि जगह-जगह पानी के भराव से बस्ती तलैया सी बन जाती है। मच्छरों के लारवे पनपने से घर-घर में बस्ती वाले मलेरिया से पीड़ित हो अस्पताल जाने को मजबूर हो जाते हैं। क्योकि पेयजल निकासी के लिए बस्ती में सुनिश्चित नालीकरण है ही नहीं। वहीं बस्ती में विचरते आवारा सुअरों से परेशान बस्ती वालों ने कई बार शिकायत भी सम्बन्धित को की पर कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है। इनके विचरण कई दफा स्कूली बच्चों सहित वाहन चालक इनकी चपेट में आकर चोटिल हो चुके हैं। विनोबा भावे नगर के वाशिंदो ने बताया कि सङको के जर्जर होने से बस्ती के हालात खराब है कई बार वाहन चालक इन जर्जर सङको के चलते दुर्घटनाकारित हो चुके हैं।
सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है
अजय आहूजा नगर में सबसे बङी समस्या पेयजल को लेकर हैं। इससे सभी बस्ती वाले परेशान हैं। जलदाय कर्मी को कई दफा मोहल्ले के लोगो ने शिकायत भी की पर वो ही एक घंटा पांच से छह बजे तक ही जलापूर्ति कर रहा हैं, इसका निराकरण होना चाहिए । दूुसरा नगर का पार्क काफी पुराना हैं पर इसमें पार्क को लेकर जो सुविधाएं होनी चाहिए वो आज तक नहीं हो पाई । इसका भी सौंदर्यकरण हो जाए तो बस्ती वालों को घ्ूमने को लेकर राहत मिलेगी।
- द्वारिका बैरवा, वार्डवासी
सीवरेज लाइन रहती है चौक
उङिया बस्तीं में सड़कों का कार्य व सीवरेज पाइप लाइन चौक होने से परेशानी है। बस्ती वाले गंदंगी के चलते कई बीमारियों से ग्रसित हैं। इसका निराकरण हो जाए तो हमें राहत मिले। दूसरा आवारा सुअरों का विचरण भी बस्ती के लिए परेशानी का सबब बने हैं, इनसे राहत मिलना भी जरूरी हैं।
- भीगा राम कोली, वार्ड वासी
हफ्तों तक बंद रही है रोड लाइटें
हमारे यहां रोड़ लाइटों को लेकर बङी समस्या बनी है। कभी जलती हैं। कभी हफ्तों अन्धेरा कायम हो जाता है। इसका निराकरकण होना जरूरी है। क्योंकि रात्रि में बङे-बुजुर्गो को अन्धेरे के चलते परेशानी होती हैं। वहीं सङकों की हालत भी खस्ता हैं ,इनका नवीनीकरण होना जरूरी है।
- चन्द्रशेखर आहुजा, वार्ड वासी
शिकायत पर भी नहीं उठाया मृत जानवर
विनोबा भावे नगर के बाशिंदे सड़कों की जर्जरता को लेकर परेशान है। इनका नवीनीकरण होना जरूरी हैं। दूसरा आवारा सुअर व श्वान भी ज्यादा हैं इन्हें निगमकर्मी पकड़ें तो राहत मिले, एक नाले में पन्द्रह दिन से सुअर अन्दर नाले में मरा सड़ांध मार रहा हैं, निगम को शिकायत के बावजूद इसे नहीं उठाया गया है।
- हर्षित पांचाल, वार्डवासी
मेरे वार्ड की करीब 42 सौं के करीब आबादी है ,हम बीजेपी पार्षद होने के चलते हमारे साथ द्वैषतापूर्ण नीति अपनाई जा रही है।,अन्य पार्षदों की तुलना में हमें कोई बजट दिया ही नहीं जा रहा तो काम कैसे करवाएं। सभी बस्तियों में सङके,नालियों सहित हालात खराब हंै। अब डेढ करोड का बजट हो तो सङके सुधरे व करीब चालीस लाख रुपए हों जब जाकर उङिया बस्ती के नालीकरण का काम हो पाए। बस्ती वालों की भी शिकायत है पर आगे हमारी कोई सुनता ही नहीं तो अब जेब से क्या -क्या काम करवाएं। कई बार अपनी जेब से पैसे खर्च जहां पानी नहीं आता तो टैंकर पहुंचाता हूं। सुअरो को पकङने को लेकर कई बार निगम को लिखित शिकायत दे दी पर वो कोई कार्यवाही अमल में लाते ही नहीं।
- रामदेव वर्मा, पार्षद, वार्ड नम्बर 32 कोटा दक्षिण

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