फाइलों में दबा टैलेंट, 5 माह बाद भी 30 हजार विद्यार्थियों को नहीं मिला टैबलेट

वित्तीय स्वीकृति अटकी, डिजिटल शिक्षा से दूर हो रही प्रतिभा

फाइलों में दबा टैलेंट, 5 माह बाद भी 30 हजार विद्यार्थियों को नहीं मिला टैबलेट

तकनीकी से जोड़ने की जगह दूरी बना रही सरकार, कृषि संकाय के विद्यार्थियों के साथ दोगला व्यवहार

कोटा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा की वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित हुए 5 माह से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके बावजूद राज्य व जिला स्तर पर टॉप करने वाले 30 हजार मेधावी विद्यार्थियों को अब तक टेबलेट नहीं मिल सके। प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति अटकी होने से टेबलेट वितरण योजना कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही।  हालांकि, शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन अनुमति नहीं मिलने से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सपनों पर पानी फिर गया। इधर, शिक्षाविदें का मानना है कि अनुमति के अभाव में विद्यार्थियों को टैबलेट के लिए काफी इंतजार करना पड़ेगा। इस बार 2400 विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी: शिक्षाविदें का तर्क है कि वित्तीय स्वीकृति अटकने का प्रमुख कारण जिलों की संख्या बढ़ने के बाद अब इस योजना में 2400 विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा होगा। इसलिए यह मामला अभी अटका हुआ है। अब कुल टैबलेट की संख्या 27900 से बढ़कर 30 हजार 300 तक पहुंचेगी। शिक्षा विभाग ने टैबलेट वितरण के लिए प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए सरकार और वित्त विभाग को भेजा था। लेकिन अभी तक ना तो प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।

यह है टैबलेट वितरण योजना 
राज्य सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाले विद्यार्थियों प्रोत्साहन करने के लिए टेबलेट दिए जाते हैं।  योजना के तहत हर साल 27900 विद्यार्थियों को टैबलेट बांटे जाते हैं। इसमें सरकारी स्कूल के 8 वीं, 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा के राज्य स्तर पर टॉप रहने वाले प्रत्येक कक्षा के 6 हजार विद्यार्थियों को वितरण किया जाता है। यानी, तीनों कक्षाओं के कुल 18 हजार टैबलेट होते हैं। इसके अलावा जिला स्तर पर इन तीनों कक्षाओं में टॉप रहने वाले 100 विद्यार्थियों को टैबलेट दिया जाता है। योजना बनाते समय राज्य में 33 जिले थे। ऐसे में प्रत्येक कक्षा से 3300 विद्यार्थियों को टैबलेट दिया जाता है। तीनों कक्षाओं के कुल मिलाकर 9900 टैबलेट होते हैं। अगर राज्य व जिला स्तर के टैबलेट जोड़े जाए तो यह संख्या कुल 27900 होती है।

इस बार 33 के बजाए 41 जिलों के विद्यार्थियों को मिलेंगे टैबलेट 
सिंह ने बताया कि प्रदेश में नए 8 जिलों की संख्या बढ़ी है।  ऐसे में अब 33 से बढ़कर 41 जिले हो गए हैं। इससे राज्य स्तर पर दिए जाने वाले 18 हजार टैबलेट में तो कोई अंतर नहीं आएगा। लेकिन, जिला स्तर पर मेधावी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। क्योंकि, 8 नए जिले बनने से प्रत्येक कक्षा में 800 विद्यार्थियों की संख्या का इजाफा होगा, जो तीनों कक्षाओं में कुल 2400 संख्या होती है। इसलिए अब यह योजना 27900 से बढ़कर 30300 टैबलेट तक पहुंच गई है। वर्तमान में करीब 28 करोड़ का बजट है, जो टैबलेट की संख्या बढ़ने से 30 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

कृषि संकाय के मेधावी विद्यार्थियों के साथ दोगला व्यवहार
राज्य में 398 स्कूलों में कृषि संकाय संचालित हैं। पहले यह विज्ञान संकाय के साथ ही माना जाता था। लेकिन, पूर्व की अशोक गहलोत सरकार ने कृषि को महत्व देने की योजना को लागू करते हुए इसे अलग से कृषि संकाय 2020 में घोषित कर दिया। ताकि, प्रदेश के बच्चों में कृषि के प्रति रुचि उत्पन्न हो। प्रति वर्ष कृषि संकाय में सैकड़ों विद्यार्थी जिला व राज्य स्तर पर टॉप करते हैं, इसके बावजूद इन्हें टेबलेट नहीं दिया जाता। 

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क्या कहते हैं विद्यार्थी
शिक्षकों से टेबलेट मिलने के बारे पूछते हैं तो जल्द ही मिलने की बात कही जाती है। सरकार की इस योजना से तीन साल तक फ्री इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। जिससे बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए मेटेरियल मिल सकेगा और वीडियो के माध्यम से विज्ञान के कई डायग्राम समझने में आसानी होगी।
-हिमांशु धाकड़, छात्र बोरखेड़ा

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पिछले 5 माह से टेबलेट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। दसवीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। ऐसे में टेबलेट मिलने की उम्मीद है लेकिन टेबलेट कब मिलेंगे, इसका जवाब तो शिक्षक भी नहीं दे पा रहे। सरकार को जल्द ही इंटरनेट सुविधा के साथ टेबलेट वितरित करना चाहिए। ताकि, समय रहते उपयोग किया जा सके। 
 -यादराम गुर्जर, राजेंद्र खंडेलवाल, छात्र स्टेशन 

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हमारे साथ सरकार भेदभाव कर रही है। हम कृषि संकाय में अध्ययनरत हैं। इस साल 12वीं बोर्ड देंगे। लेकिन, सरकार हमें योजना के तहत टैबलेट नहीं दे रही। जबकि, आर्ट्स-साइंस वाले विद्यार्थियों को देती है। हमें भी नि:शुल्क टैबलेट वितरण योजना में जोड़ा जाना चाहिए। 
-उपेंद्र कुमार, रितेश सिंह, छात्र बजरंग नगर 

कृषि संकाय के विद्यार्थियों को भी योजना में करें शामिल 
सत्र 2024-25 में बोर्ड परीक्षाओं में टॉपर्स रहने वाले मेधावी विद्यार्थियों को 5 माह से टैबलेट मिलने का इंतजार है। सरकार को छात्रहित में जल्द ही प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृति देनी चाहिए। साथ ही कृषि संकाय के विद्यार्थियों को भी इस योजना में शामिल करना चाहिए।  
-मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा 

 कृषि संकाय के विद्यार्थियों को टेबलेट न मिलने की जानकारी नहीं है। इसके बारे में अधिकारियों से बात कर उचित समाधान निकालेंगे। वहीं, पिछले सत्र के टैबलेट वितरण में कोई बजट का ईश्यू होगा तो समाधान करवाएंगे। 
-सतीश कुमार गुप्ता, विशेषाधिकारी शिक्षा मंत्री 

सरकार की ओर से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जाते हैं। इसकी तैयारियां जारी है। बीकानेर निदेशालय स्तर पर बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर्स की मेरिट सूची तय होती है। इसके बाद सरकार वितरण की तिथि घोषित होती है। वहीं, इस बार कोटा से कितने बच्चों को टैबलेट मिलेंगे, यह निदेशालय से कटआॅफ जारी होने के बाद ही पता लग सकेगा। 
-रामचरण मीणा, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक कोटा 

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