ट्री गार्ड ही सुरक्षित नहीं, पौधों की सुरक्षा कौन करे
निगम हर साल बांट रहा लाखों के ट्री गार्ड
हालत यह है कि हर साल लाखों रुपए के ट्रीगार्ड बांटने के बाद भी पौधों के साथ ही ट्रीगार्ड की हालत भी खराब हो गई है।
कोटा। कोटा में हर साल मानसून के सीजन में लाखों पौधे लगाए जा रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए नगर निगम द्वारा लाखों रुपए ट्रीगार्ड पर भी खर्च किए जा रहे हैं। उसके बावजूद न तो पौधे सुरक्षित हो पा रहे हैं और न ही ट्रीगार्ड सुरक्षित हैं। वहीं नगर निगम की ओर से इस बार फिर लाखों रुपए ट्रीगार्ड बांटने पर खर्च किए जाएंगे। मानसून सीजन में हर साल जून के अंत से लेकर जुलाई, अगस्त व सितम्बर तक शहर में विभिन्न संगठनों व संस्थाओं और सरकारी विभागों के द्वारा लाखों पौधे लगाए जाते हैÞ। जिनमें फलदार से लेकर फूल वाले व छायादार सभी तरह के पौधे शामिल हैं। उन पौधों को लगाने के बाद उनकी देखभाल के लिए ट्रीगार्ड भी लगाए जा रहे हैं। ये ट्रीगार्ड अधिकतर नगर निगम द्वारा लाखों रुपए बजट खर्च कर तैयार करवाए जाते हैं। उसके बाद उन ट्रीगार्ड को शहर में बांटा जाता है। लेकिन हालत यह है कि हर साल लाखों रुपए के ट्रीगार्ड बांटने के बाद भी न तो पौधे सुरक्षित हैं और न ही ट्रीगार्ड।
कोटा उत्तर व दक्षिण में अलग-अलग बजट
नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में ट्रीगार्ड बनाकर बांटने के लिए अलग-अलग बजट खर्च किया जा रहा है। कोटा दक्षिण निगम में इस बार करीब 80 लाख रुपए के ट्रीगार्ड बनाकर शहर में बांटने की योजना है। जबकि पिछले साल एक चौथाई 20 लाख रुपए के ट्रीगार्ड बांटे गए थे। इसी तरह से कोटा उत्तर में भी लाखों रुपए ट्रीगार्ड पर खर्च किए जाएंगे।
कहां कितने ट्री गार्ड दिए कोई पता नहीं, ट्री गार्ड हुए दुर्दशा के शिकार
नगर निगम हर साल ट्रीगार्ड पर लाखों रुपए खर्च कर रहा है। शहर में संस्थाओं व सरकारी विभागों को पौधों की सुरक्षा के लिए ये ट्रीगार्ड बांटे भी जा रहे हैं। लेकिन उनमें से बहुत कम ट्रीगार्ड व पौधे बचे हुए हैं। यहां तक कि निगम अधिकािरयों तक को पता नहीं है कि कहां कितने ट्रीगार्ड बांटे जा चुके हैं।
निगम के पास दशहरा मैदान में ही दुर्दशा
नगर निगम की ओर से कार्यालय के पास ही दशहरा मैदान के पुराने पशु मेला स्थल पर पौधे लगाए गए थे। तत्कालीन आयुक्त कीर्ति राठौड़ के समय पौछे लगाने के बाद उनकी सुरक्षा के लिए ट्रीगार्ड भी लगाए गए थे। लेकिन वर्तमान में उन पौधों के साथ ही ट्रीगार्ड की हालत भी खराब हो गई है। कई ट्रीगार्ड टूट चुके हैं तो कई गिरने के कगार पर है। जबकि कुछ पर वहां रहने वाले खाना बदोश परिवारों ने कपड़े सुखा रखे हैं। वहीं अधिकतर ट्रीगार्ड तो गायब ही हो गए। स्मैकची व चोर उनका लोहा बेचकर खा गए। निगम अधिकािरयों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा इस बार मानसून सीजन में पौधों की सुरक्षा के लिए करीब 80 लाख रुपए के ट्रीगार्ड बनवाए जाएंगे। प्रत्येक ट्रीगार्ड की कीमत करीब 600 रुपए होगी। इस बार ट्रीगार्ड की सुरक्षा व गिनती के लिए संस्थाओं से पौधों की संख्या व ट्रीगार्ड लगाने वाले स्थान की जानकारी लेटर हैड पर ली जाएगी। जिससे उनकी मॉनिटरिंगम की जा सके। वहीं इस बार ट्रीगार्ड का रंग बदला गया है। पहचान के लिए हर ट्रीगार्ड पर 2023 लिखा जा रहा है। पार्षदों व जनप्रतिनधियों को पहले की तुलना में दो गुना ट्रीगार्ड उनकी मांग पर दिए जाएंगे। इस कारण से राशि व ट्रीगार्ड की संख्या बढ़ी है। एक महीने में सभी ट्रीगार्ड बनकर तैयार हो जाएंगे।
- ए.क्यू कुरैशी, उद्यान अधीक्षकनगर निगम कोटा दक्षिण
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