जहां 4 बाघों का मूवमेंट, वहां ट्रकों में भरवा रहे थे लकड़ियां
वन विभाग ने प्राथमिक रिपोर्ट में माना स्टाफ की मिलीभगत
विशेषज्ञों ने वन्यजीवों के शिकार व तस्करी की जताई आशंका ।
कोटा। रामगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में ट्रकों में लकड़ियां भरवाकर बेचे जाने के मामले में रविवार को चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मेज नदी किनारे जिस वनक्षेत्र में ट्रक में बंबूल की लकड़ियां भरवाई जा रही थी, वह जगह क्रिटिकल टाइगर हेबीटाट है। इस क्षेत्र में 4 टाइगर का मूवमेंट रहता है। वहीं, कुछ माह पहले इसी इलाके में बाघिन आरवीटीआर-2 का कंकाल मिला था। जिसकी खाल गायब थी, उसका आज तक सुराग नहीं लगा। इधर, वन्यजीव विशेषज्ञों ने कोर एरिया में जिम्मेदार वन अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहे अवैध परिवहन के दौरान तस्करी की आशंका जताई है। वहीं, वन विभाग ने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में लकड़ियों के अवैध परिवहन में एक से अधिक स्टाफ की संलिप्ता स्वीकारी है।
टाइगर मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग टीम की गश्त पर उठे सवाल
वन्यजीव प्रेमी विट्ठल सनाढ्य ने बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व की जेतपुर रेंज के पापड़ा चौक में ट्रक में लकड़िया लोड़ हो रही थी। यहां से एक से डेढ़ किमी दूरी पर बांदरा पोल, रामगढ़ महल है। जहां 4 टाइगर्स का मूवमेंट है। जिनकी मॉनटिरिंग व ट्रैकिंग के लिए वनकर्मियों की टीम गश्त करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि बाघों की टेरिटरी में दिनदहाड़े ट्रक लकड़ियां भरकर ले जाते हैं और वनकर्मियों की टीम को दिखाई नहीं दे, ऐसा संभव नहीं है। कर्मचारियों की मिलीभगत से पिछले ढाई माह से ट्रकों में लकड़ियों का अवैध परिवहन हो रहा है, जो न केवल टाइगर की सुरक्षा से खिलवाड़ है बल्कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 का भी सीधा उल्लंघन है। अवैध गतिविधियों से वन सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
संलिप्तता स्वीकारी, विस्तृत जांच के आदेश जारी
नवज्योति द्वारा खबर प्रकाशित करने के बाद रामगढ़ टाइगर रिजर्व प्रशासन ने जांच कमेटी बनाकर मामले की प्राथमिक जांच करवाई। जिसकी रिपोर्ट में उच्चाधिकारियों ने कोर एरिया में ट्रकों में लकड़ियों के अवैध परिवहन में एक से अधिक स्टाफ की मिलीभगत स्वीकारी है। हालांकि, डीएफओ अरविंद कुमार झा ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
जेतपुर रेंज में तैनात नाकेदार, फोरेस्टर, फोरेस्ट गार्ड व रेंजर के बयान लिए जा रहे हैं। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को सौंपेंगे।
-नवीन नारायण, एसीएफ रामगढ़ टाइगर रिजर्व
पापड़ा चौक में जिस जगह ट्रक में बम्बूल की लकड़ियां लोड करवाई जा रही थी, उस जगह से ब्रांदापोल, रामगढ़ महल, टाइगर रिलोकेशन एनक्लोजर काफी नजदीक है। जबकि, बांद्रापोल के 5 किमी के रेडियस में नर बाघ आरवीटीआर-1 तथा मादा शावकों का मूवमेंट रहता है। वहीं, महल के पीछे 30 बीघा का एनक्लोजर है, जहां अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से लाए गए नर शावक को रखा गया है। इसके अलावा रिलोकेशन एनक्लोजर में बाहर से लाए जाने वाले टाइगर्स को शिफ्ट किया जाता है। ऐसे सेंसेटिव इलाके में अवैध परिहव निश्चित रूप से बाघों की बसावट के लिए गंभीर खतरा है। यहां अप्रेल माह से ही वन अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से लकड़ियों का अवैध परिवहन हो रहा है।
- विट्ठल सनाढ्य, वन्यजीव प्रेमी बूंदी
क्रिटिकल टाइगर हेबीटाट में ट्रकों व बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश और वनसम्पदा की चोरी गंभीर प्रवृति का अपराध है। यह न केवल टाइगर की सुरक्षा में भारी चूक है बल्कि वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण में व्यधान होने के साथ वन संरक्षण अधिनियम 1972 का सीधा उल्लंघन है। मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए और माफियाओं से मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
- पृथ्वीराज सिंह राजावत, वन्यजीव विशेषज्ञ बूंदी
प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जब वन सम्पदा की चोरी करवाने में वन स्टाफ की संलिप्ता मानी गई है तो संबंधित स्टाफ को निलंबित किया जाना चाहिए ताकि, आगे की जांच किसी भी तरह से प्रभावित न हो।
- तपेश्वर सिंह भाटी, एडवोकेट एवं पर्यावरणविद्
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है। जिसमें मौके पर गड़बड़ियों के साक्ष्य मिले हैं। टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में ट्रकों में लकड़ियां भरकर ले जाए जाने में एक से अधिक स्टाफ की संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता। नियमानुसार विस्तृत जांच शुरू करवा दी है। सक्षम अधिकारी जांच कर रहे हैं, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- अरविंद कुमार झा, डीएफओ रामगढ़ टाइगर रिजर्व
डीएफओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट मिल गई है। इसमें स्टाफ की मिलीभगत प्रतीत होना माना है। इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- सुगनाराम जाट, संभागीय मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, वन्यजीव
Comment List