आरटीई की तर्ज पर कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाने की घोषणा सरकार ने की, अब भटक अभिभावक रहे है - संयुक्त अभिभावक संघ
कक्षा 9 से 12 में विद्यार्थियों के एडमिशन की प्रक्रिया कब शुरू करेगी सरकार
प्रदेश में सत्र 2022- 23 की पढ़ाई पूरी हो चुकी है अब स्कूलों में नए सत्र 2023-24 की तैयारियां शुरू हो चुकी है। नए सत्र को लेकर राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र के दौरान आरटीई की तर्ज पर कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को भी निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने का वादा करते हुए घोषणा की थी।
जयपुर। प्रदेश में सत्र 2022- 23 की पढ़ाई पूरी हो चुकी है अब स्कूलों में नए सत्र 2023-24 की तैयारियां शुरू हो चुकी है। नए सत्र को लेकर राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र के दौरान आरटीई की तर्ज पर कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को भी निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने का वादा करते हुए घोषणा की थी। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की " मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को अनिवार्य शिक्षा के तहत पढ़ाने की घोषणा तो कर दी थी किंतु वह घोषणा करके भूल गए है, जिसके चलते कमजोर, जरूरतमंद और गरीब अभिभावक सरकार की इस योजना के चलते भटकने पर मजबूर हो रहे है, परेशान हो रहे है, विभागों और स्कूलों के साथ - साथ शिक्षा मंत्री के चक्कर काट रहे है, उसके बावजूद अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिल रही है। इस संदर्भ में संयुक्त अभिभावक संघ ने 6 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा हंस, आरटीई डिप्टी डायरेक्टर ओम प्रकाश गुप्ता से मुलाकात की थी, जहां से जानकारी मिली कक्षा 9 से 12 को लेकर अभी कोई राज्य गाइड लाइन जारी नही हुई है।
उसके बाद शनिवार 8 अप्रैल को शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात करनी चाही किंतु उन्होंने समय देने के बावजूद कोई मुलाकात नही की जिसके चलते मंत्री आवास पर तैनात पुलिसकर्मी दीनदयाल को ज्ञापन की प्रति दी गई। किंतु आजतक सरकार ने अभिभावकों को कोई राहत नहीं दी।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की " राजस्थान सरकार एक तरफ बेहतर और अनिवार्य शिक्षा के दावे और वादे कर नई-नई घोषणाएं कर रही है, जिसको लेकर लगातार नए-नए तरीकों से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छात्रों और अभिभावकों को लुभा कर गुमराह भी कर रही है। अभी तक एडमिशन प्रक्रिया को लेकर गाइड लाइन जारी नही कर रही है जिससे विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है और विद्यार्थियों पर संकट खड़ा देख अभिभावक भी बेहद चिंतित है। अनिवार्य शिक्षा को लेकर राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 को लेकर जो घोषणा की इसकी प्रक्रिया कब प्रारंभ करेगी इसकी मांग कर रहे है।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की सरकार ने जो घोषणा की है वह लागू होगी या नहीं होगी इसको लेकर प्रदेश की जनता को अवगत करवाएं और स्थिति स्पष्ट करे, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को इस संकट से निकाल सके और बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से संचालित करवा सके। सरकार के इस दोगलेपन रवेये से प्रदेशभर के अभिभावकों में भारी रोष है, जो कभी भी सड़कों पर उतरकर फुट सकता है। जिस खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा। जल्द से जल्द राज्य सरकार कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की एडमिशन प्रक्रिया को प्रारंभ करे, अन्यथा अभिभावक सड़कों पर उतरकर आपका हक राज्य सरकार से लेगा। ना स्कूलों में फीस बढ़ाने को लेकर विभाग कार्रवाही कर रहा है ना RTE के तहत एडमिशन होने के बावजूद स्कूलों द्वारा एडमिशन नहीं दिए जाने के मामले में कार्रवाही कर रहा है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया की प्रतिदिन प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग स्कूलों को चेतावनी जारी करती है किंतु कार्यवाही नही करती है। जबकि अभिभावक शिक्षा मंत्री और विभाग को लगातार शिकायत दर्ज करवा रहे है किंतु कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं जिसके चलते प्रदेश के अभिभावकों को राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से भरोसा लगातार उठता जा रहा है।

Comment List