शोधार्थियों के लिए भी बनेगा रोल मॉडल : निजी खातेदारों की रजामंदी हुई तो ‘मेनार’ होगा प्रदेश का पहला कम्युनिटी रिजर्व, वन विभाग करेगा पहल
लागू होंगे वाइल्ड लाइफ एक्ट
मेनार का रामसर स्थल के रूप में चयन होने के बाद एक और उपलब्धि हासिल होने वाली है।
उदयपुर। मेनार का रामसर स्थल के रूप में चयन होने के बाद एक और उपलब्धि हासिल होने वाली है। गांव के अधिकतर लोगों ने इसे कम्युनिटी रिजर्व श्रेणी में शामिल करने की मांग रखी है। यदि इसके मापदंडों पर सहमति बन जाती है तो यह प्रदेश का पहला कम्युनिटी रिजर्व बन जाएगा, जहां वाइल्ड लाइफ एक्ट के सभी प्रावधान लागू होंगे।
फिलहाल इसे रामसर स्थल के मापदंडों के आधार पर तैयार करने की योजनाएं बनाई जा रही है। मेनार में पहले चरण में आर्द्र भूमि का सीमांकन किया जाएगा, इसके बाद बफर जोन बनाकर जैव विविधता से संबंधित अवधारणा जोड़ी जाएगी। ऐसे में यहां पर कुछ नियम लागू किए जाएंगे तो कुछ प्रतिबंध भी लगेंगे। रामसर स्थल मेनार के संरक्षण पर उदयपुर में क्षेत्रीय सहभागिता कार्यशाला सम्पन्न हुई। इसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव रजत अग्रवाल की उपस्थिति में स्टेकहॉल्डर्स के साथ एमओयू किया गया। इसके बाद हर तीन माह में इन स्टेकहोल्डर्स की बैठक होगी। जिसमें प्राप्त सुझावों के बाद इसकी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग पर बनेगा प्रस्ताव :
संयुक्त सचिव रजत अग्रवाल के मेनार भ्रमण के दौरान इसे कम्युनिटी रिजर्व बनाने की मांग उठी। जिस पर अग्रवाल ने वन विभाग को निर्देश दिए कि वे इस संबंध में निजी खातेदारी भूमि मालिकों से बातचीत करें। यदि वे तैयार हैं तो इसे कम्युनिटी रिजर्व में शामिल करने के उद्देश्य से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। डीएफओ (उत्तर) शैतानसिंह देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में अब तक कोई कम्युनिटी रिजर्व नहीं है। यदि मेनार में सभी मापदंड पूरे होते हैं तो यह प्रदेश का पहला कम्युनिटी रिजर्व होगा। कम्युनिटी रिजर्व होने के बाद यहां वाइल्ड लाइफ एक्ट भी लागू हो जाएंगे।
बनेगा जैव विविधता का रोल मॉडल :
झील विशेषज्ञ डा. अनिल मेहता ने वेटलैंड कंसेप्ट को स्पष्ट करते बताया कि मापदंडों के अनुसार सबसे पहले मेनार वेटलैंड का सीमांकन किया जाएगा, जिससे इसका पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित नहीं हो। जैव विविधता के लिहाज से मेनार श्रेष्ठ साबित हुआ है इसीलिए इसे रामसर साइट में शामिल किया गया है। सीमांकन के बाद बफर जोन बनाए जाएंगे व कई प्रतिबंध लगेंगे, जिससे यहां देशी-विदेशी पशु-पक्षी आसानी से पहुंच बना सकें । साथ ही वनस्पतियों को भी अनुकूल वातावरण मिलने पर पनपने का खासा मौका मिलेगा। विशेष बात यह है कि रामसर साइट होने से यहां पर्यटन तो बढ़ेगा।

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