विधानसभा कल, आज और कल विषय पूर्व व वर्तमान विधानसभा अध्यक्षों का समागम : मर्यादाओं में गिरावट, पर लोकतंत्र की गरिमा सुरक्षित- बागड़े

पहले एक-दूसरे के प्रति सम्मान

विधानसभा कल, आज और कल विषय पूर्व व वर्तमान विधानसभा अध्यक्षों का समागम : मर्यादाओं में गिरावट, पर लोकतंत्र की गरिमा सुरक्षित- बागड़े

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना से बात प्रारंभ करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र की मूल भावना प्रस्तावना में निहित है।

उदयपुर। भारतीय संसदीय लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं। मर्यादाओं में निस्संदेह कुछ गिरावट आई है, लेकिन हमारे संस्कार और संस्कृति इतनी समृद्ध हैं कि संसदीय लोकतंत्र की गरिमा और भविष्य दोनों सुरक्षित हैं। यह बात राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने गुरुवार को वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र के तत्वावधान में होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित विधानसभा कल, आज और कल विषय पर विधानसभा अध्यक्ष समागम कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने की। पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, शांतिलाल चपलोत और डॉ सीपी जोशी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। राज्यपाल बागड़े ने कहा कि पहले सदन में विषय पर अधिक चर्चा होती थी, अब विषयान्तर अधिक होने लगी है। विधेयक पर बहस में जनप्रतिनिधि रुचि से भाग नहीं लेते, जबकि उस पर तथ्यात्मक बहस होनी चाहिए। सदन में अलग-अलग विचारधारा के लोग होते हैं, इसके बावजूद पहले आपस में एक-दूसरे के प्रति सम्मान सद्भाव होता था, लेकिन अब कटुता अधिक रहती है।

अनुशासन के लिए सख्ती अनिवार्य : देवनानी
देवनानी ने कहा कि सदन का अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने के लिए पीठासीन अधिकारी को सख्त होना पड़ता है, लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं कि आसन पर ही सवाल उठाए जाने लगें। उन्होंने पीठासीन अधिकारी की तुलना मां से करते हुए कहा कि जिस प्रकार मां बच्चे की हरकतों से परेशान होकर उसे घर से चले जाने के लिए कह देती है, लेकिन उसके वापस नहीं लौटते तक उसके गले से निवाला नहीं उतरता है। ऐसा ही आसन के साथ भी है। सदन के सभी सदस्य उसका परिवार है।

कानून निर्माण रस्म अदायगी, स्वस्थ बहस हो : मेघवाल
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि समय के साथ सभी चीजों में बदलाव हुआ है। सकारात्मक बदलावों का स्वागत है, लेकिन विधेयक पर स्वस्थ चर्चा में कमी आना ठीक नहीं है। अध्ययन में अभिरुचि लेने वाले लोगों की कमी है। विधानसभा की लाइब्रेरी का उपयोग कम हुआ है। इससे सदस्य किसी महत्वपूर्ण विषय पर बात तक नहीं कर पाते। 

विधानसभा में विधायी कार्य अधिक हो : चपलोत 
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से चली आ रही है। भगवान श्रीराम का दौर इसका श्रेष्ठ उदाहरण है। वर्तमान संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में विधायिका महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि पहले के दौर में विधायिका का माहौल देखने योग्य था, अब इसमें गिरावट आई है।

Read More भारतीय जनता पार्टी कार्यालय : दिया कुमारी और झाबर सिंह ने की सुनवाई, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

विचारधारा अलग, पर सर्वहित सर्वोपरि : डॉ जोशी
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना से बात प्रारंभ करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र की मूल भावना प्रस्तावना में निहित है। संविधान लागू होने के बाद से लेकर सभी सरकारों ने सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक न्याय, पंथ निरपेक्षता, समाजवाद जैसे मूल सिद्धान्तों को केंद्र में रखकर कार्य किए। विचारधाराएं भले अलग-अलग रहीं, लेकिन सर्वहित सर्वापरि रहा। डा जोशी ने कहा कि अब स्थिति बदल गई हैं। अब विचाराधाराओं में दूरियां भी बढ़ती जा रही हैं।

Read More हवाई सेवाओं के रद्द होने के कारण रेलवे कर रहा स्पेशल रेलसेवाओं का संचालन, जानें पूरा शेड्यूल

Post Comment

Comment List

Latest News

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दी जन्मदिन की बधाई, कहा- सादगी और शुचिता से जुड़े शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ रहा राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दी जन्मदिन की बधाई, कहा- सादगी और शुचिता से जुड़े शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ रहा
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने भजनलाल शर्मा के जन्मदिन पर उन्हें फोन कर बधाई और शुभकामनाएं दी। बागडे ने मुख्यमंत्री शर्मा...
‘धुरंधर’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल : कमाई हुई 350 करोड़ के पार, क्रिटिक्स और दर्शकों की पसंद बनी फिल्म 
कांग्रेस की रैली में अभद्र नारों पर राज्यसभा में हंगामा, सत्ता पक्ष ने की सोनिया-राहुल से माफी की मांग
Weather Update : दिल्ली जाने वाली 6 फ्लाइट जयपुर डायवर्ट, चार अब भी अटकी
कौन है नवीद अकरम? जिसने सिडनी में मचाया मौत का तांडव, सामने आया पाकिस्तान कनेक्शन?
एसआईआर को लेकर अखिलेश ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, बोलें-चुनावी गणित होगा प्रभावित
मेले में दिखा कला, संस्कृति और सामुदायिक उत्सव का संगम, ग्रेट हार्ट आश्रम से आए 150 बच्चों ने आयोजन में लिया भाग