राजस्थान रोडवेज को सरकारी बेड़े में शामिल करने की योजना ठंडे बस्ते में

रोडवेज संचालन अवधि के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही है।

राजस्थान रोडवेज को सरकारी बेड़े में शामिल करने की योजना ठंडे बस्ते में

रोडवेज को सरकारी बेड़े में शामिल करने की योजना ठंडे बस्ते में है। हरियाणा सरकार के बाद अब आन्ध्रप्रदेश सरकार ने भी कॉरपोरेशन को बंद कर रोडवेज को अपने अधीन कर लिया है। अब सरकार ही बसों का संचालन करने व कर्मचारियों के हित में फैसला ले रही है।

जयपुर। रोडवेज को सरकारी बेड़े में शामिल करने की योजना ठंडे बस्ते में है। हरियाणा सरकार के बाद अब आन्ध्रप्रदेश सरकार ने भी कॉरपोरेशन को बंद कर रोडवेज को अपने अधीन कर लिया है। अब सरकार ही बसों का संचालन करने व कर्मचारियों के हित में फैसला ले रही है। राजस्थान रोडवेज की स्थापना एक अक्टूबर 1964 में हुई थी। रोडवेज का संचालन फिलहाल कॉरपोरेशन से हो रहा है। रोडवेज संचालन अवधि के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही है।

वर्तमान में रोडवेज करीब 5000 करोड़ रुपए से अधिक घाटे में है। राजस्थान सरकार भी पिछले कुछ समय से रोडवेज को आर्थिक तंगी से देखते हुए अपने अधीन करने की कवायद शुरू की थी। इसको लेकर तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 18 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री और सीएमडी संदीप वर्मा ने 24 अगस्त को प्रमुख सचिव (परिवहन) को पत्र लिखा था। रोडवेज के पास अभी कुल 3300 (अनुबंधित सहित) बसें हैं। इनमें से अगले साल मार्च में 1600 बसें कंडम हो जाएंगी। वर्ष 2019 के बाद रोडवेज ने नई बसों की खरीद नहीं हुई है।

सरकार में शामिल होने से यह होगा फायदा
विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी यूनियनों की ओर से आए दिन हड़ताल करते हुए बसों का संचालन बंद कर दिया जाता है। इससे रोडवेज को नुकसान के साथ जनता को भी परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार के बेड़े में शामिल होने के बाद यह परेशानी दूर हो जाएगी। कर्मचारियों की वेतन विसंगति के साथ सभी मांगों का फैसला सरकार खुद ले सकेगी। सरकार के अधीन होने के बाद रोडवेज का घाटे से उभरने के साथ ही सफल संचालन भी हो सकेगा।

हरियाणा और आंध्रप्रदेश सरकार में शामिल है रोडवेज
हरियाणा

बसें

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3900

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19000

आन्ध्रप्रदेश                     

बसें 

कर्मचारी   

12000

50 हजार से अधिक

राजस्थान

बसें  

कर्मचारी 

3300 (अनुबंधित सहित)

12 से 13 हजार

 

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