रसोइयों की संख्या बढ़ाई, थालियों की घटाई

आमजन को राहत देने के लिए उनके नजदीक पहुंची इंदिरा रसोइयां

रसोइयों की संख्या बढ़ाई, थालियों की घटाई

इंदिरा रसोईयों में भोजन करने आने वालों की संख्या कम होने से राज्य सरकार द्वारा एक समय में 300 थाली के लक्ष्य को कम करके 200 कर दिया गया है। अब दोनों समय में एक सरोई में 400 थाली तक ही भोजन बनाया जा रहा है। साथ ही इंदिरा रसोईयों की संख्या बढ़ा दी गई है।

कोटा।  राज्य सरकार के कोई भूखा न सोए संकल्प को साकार करने के लिए नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण में इंदिरा रसोईयों की संख्या बढ़ाकर पहले से तीन गुना कर दी गई है। साथ ही आमजन को राहत देने के लिए रसोईयों को लोगों के नजदीक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।  राज्य सरकार द्वारा जब इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई थी। उस समय नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में 8-8 स्थानों  पर रसोईयों की शुरुआत की गई थी। उस समय इन रसोईयों की शुरुआत नगर निगम के सामुदायिक भवन व आश्रय स्थलों में हुई थी।  इंदिरा रसोई में भोजन करने आने वालों को उस समय भी 8 रुपए में ही भोजन मिल रहा था और वर्तमान में भी 8 रुपए में ही भोजन मिल रहा है। सभी रसोईयों में आने वालों को वहां मेज कुर्सी पर बैठाकर पेट भरकर भोजन कराया जा रहा है।  शहर के विकास व विस्तार को देखते हुए इंदिरा रसोईयां कम थी। साथ ही जो रसोईयां पूर्व में सचालित हो रही थी। उन तक अधिकतर लोग नहीं पहुंच पा रहे थे। दूरी अधिक होने से उन रसोईयों में लोगों की संख्या कम हो रही थी।  पहले प्रत्येक इंदिरा रसोई में सुबह-शाम 300-300 थाली का लक्ष्य था।  लेकिन अधिकतर जगह पर यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा था। सूत्रों के अनुसार शुरुआत में इंदिरा रसोईयों का लक्ष्य 60 फीसदी ही पूरा हो पा रहा था। 

संस्थाओं का  अनुदान बढ़ाया
राज्य सरकार द्वारा आमजन को तो पहले भी 8 रुपए में ही भोजन कराया जा रहा था और वर्तमान में भी 8 रुपए में ही भोजन कराया जा रहा है। जबकि इंदिरा रसोईयों का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है। सरकार  द्वारा पूर्व में एनजीओ को 12 रुपए प्रति थाली अनुदान दिया जा रहा था। जिसे बढ़ाकर वर्तमान में 17  रुपए कर दिया है। इसका मकसद आमजन को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं हो। 

100 से 200 फीसदी लक्ष्य वाली कम रसोइयां
नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में पहले जहां सामुदायिक भवन व आश्रय स्थलों में ही इंदिरा रसोई संचालित हो रही थी। वहीं अब इसे आमजन के नजदीक पहुंचाने के उद्देश्य से जरा-जरा सी दूरी पर खोल दिया गया है। सड़क किनारे मेन रोड पर और भीड़भाड़ वाले इलाकों में उन्हें शुरू किया गया है। नगर निगम सूत्रों के  अनुसार कोटा उत्तर में बापू बस्ती रेलवे कॉलोनी की रसोई में 100 फीसदी, भीमगंजमंडी की रसोई में 110 फीसदी व एबीएस अस्पताल की इंदिरा रसोई में 200 फीसदी से अधिक लोग भोजन कर रहे हैं। इसी तरह से कोटा दक्षिण में केशवपुरा व साजी देहड़ा स्थित इंदिरा रसोई में ही 100 फीसदी से अधिक लक्ष्य प्राप्त हो रहा है।   

कोटा उत्तर में 86 व दक्षिण में 74 फीसदी लक्ष्य
नगर निगम कोटा उत्तर में संचालित इंदिरा रसोईयां कुल लक्ष्य का 86 फीसदी तक प्राप्त कर रही हैं। जबकि कोटा दक्षिण में सचालित इंदिरा रसोइयों का लक्ष्य 74 फीसदी है। इस लक्ष्य को बढ़ाने के लिए रसोईयों की संख्या अधिक की गई है औ आमजन की पहुंच में लाया जा रहा है। 

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संख्या बढ़ाई, लक्ष्य घटाया
इंदिरा रसोईयों में भोजन करने आने वालों की संख्या कम होने से रा’य सरकार द्वारा एक समय में 300 थाली के लक्ष्य को कम करके 200 कर दिया गया है। अब दोनों समय में एक सरोई में 400 थाली तक ही भोजन बनाया जा रहा है। साथ ही इंदिरा रसोईयों की संख्या बढ़ा दी गई है। वर्तमान में कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में इंदिरा रसोईयों की संख्या 24-24 कर दी गई है। हालांकि उनमें से संचालित होने वाली रसोईयों की संख्या 48 में से 32 ही है। कोटा उत्तर में 13 और कोटा दक्षिण में 19 रसोईयां संचालित हो रही हैं। 

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कोटा दक्षिण में पहले 8 इंदिरा रसोईयां थी। जिनकी संख्या बढ़ाकर 24 कर दी गई है। उनमें से वर्तमान में 19 संचालित हो रही हैं। 5 हाईकोर्ट के आदेश के कारण रूकी हुई हैं। रसोईयों में थालियों की संख्धा कम कर रसोईयों की संख्या बढ़ा दी गई है। जिससे अधिक से अधिक लोग अपने नजदीक ही भोजन कर सके। दक्षिण निगम में वर्तमान में 74 फीसदी लक्ष्य पर इंदिरा रसोई संचालित हो रही हैं। 
-राजपाल सिंह, आयुक्त 

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नगर निगम कोटा दक्षिण 
कोटा उत्तर में पहले 8 इंदिरा रसोई संचालित हो रही थी।जिनकी संख्या बढ़ाकर 24 कर दी गई है। वर्तमान में 13 का संचालन किया जा रहा है। शेष हाईकोर्ट के आदेश से अटकी हुई हैं। लेकिन शेष का भी शी>र ही संचालन शुरू कर दिया जाएगा। कोटा उत्तर में 86 फीसदी लक्ष्य पर रसोईयां संचालित हो रही हैं। कई रसोईयों में तो 100 से 200 फीसदी तक लक्ष्य हो रहा है। नि रसोइयों का मकसद कोई भूखा न सोए जो भी आए उसे भरपेट भोजन मिले। 
-वासुदेव मालावत, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर

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